देश / क्यों हो रहा है शिरडी के साईं बाबा के जन्मस्थान पर विवाद

News18 : Jan 17, 2020, 03:38 PM
कुछ समय पहले शिरड़ी बाबा के धर्म और जाति को लेकर विवाद रहा। कई हिंदू संगठनों ने उनकी पूजा का विरोध किया। इस मामले में कई संत भी सामने आ गए। जिन्होंने कहा कि मंदिरों में शिरडी वाले साईं बाबा की प्रतिमा नहीं रखी जानी चाहिए। कई मंदिरों में उसका पालन भी हुआ। 

ये हमेशा से विवाद का विषय रहा है कि उनका जन्म कब और कहां हुआ है। अब ये बात फिर बड़ा विवाद का विषय बन गई है। दरअसल इस विवाद के पीछे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की वो घोषणा है, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के पाथरी गांव को साईं बाबा की जन्मभूमि बताते हुए उसे विकास के लिए 100 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। 

बस यहीं से विवाद शुरू हो गया।  शिरडी के भक्त और शिरडी साईं ट्रस्ट के लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात से कोई विरोध नहीं है कि मुख्यमंत्री ने पाथरी गांव को विकास के लिए क्यों 100 करोड़ रुपए दिए लेकिन वो इस बात से कतई इत्तफाक नहीं रखते कि साईं का जन्म पाथरी में हुआ।  दरअसल साईं के जन्म को लेकर कोई पुख्ता तथ्य अब तक सामने नहीं आ सका है। 

ये माना जाता है महाराष्ट्र के पाथरी (पातरी) गांव में साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1835 को हुआ था।  लेकिन कुछ लोग इसका विरोध करते हुए उनका जन्म 27 सितंबर 1838 को आंध्रप्रदेश के पथरी गांव में होना बताते हैं।  वैसे शिरडी के लोगों को कहना है कि उनका जन्म यहीं हुआ। यहीं वो 1854 में युवावस्था में नजर आए।  कुछ सालों के लिए चले गए। इसके बाद फिर वहां आए और जिंदगी भर वहीं रहे। 

ये विवाद इतना बढ़ गया है कि शिरडी साईं ट्रस्ट ने अपने मंदिर को रविवार को अनिश्चितकालीन बंद करने की बात कही है। इसका असर देशभर के इस ट्रस्ट से जुड़े दूसरे मंदिरों पर भी पड़ सकता है, जहां हर गुरुवार को साईं भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। 

हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों को मंदिर में साईं बाबा के दर्शन तो मिलेंगे लेकिन शहर में रहने और खाने पीने की सुविधा नहीं मिलेगी।  स्थिति शनिवार को होने वाली मीटिंग के बाद पूरी तरह साफ हो सकेगी।

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