Pakistan Elections / क्या टलेगा पाकिस्तान में आम चुनाव? 15 दिन में सीनेट में तीसरा प्रस्ताव

Zoom News : Jan 15, 2024, 08:00 AM
Pakistan Elections: पाकिस्तान में जैसे-जैसे आम चुनाव का तराखी नजदीक आ रही है वैसे-वैसे उसे स्थगित करने की मांग भी तेज होती जा रही है. आम चुनाव को स्थगित किए जाने को लेकर रविवार को भी एक एक प्रस्ताव सीनेट में पेश किया गया. दो दिन पहले भी संद के उच्च सदन में कुछ इसी तरह का प्रस्ताव लाया गया था. कुछ दिन पहले भी सीनेट के दो सदस्यों ने चुनाव को स्थगित करने की मांग की थी.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनेट में पेश किए गए तीनों प्रस्ताव में ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते आम चुनाव को स्थगित करने की मांग की गई है. तीसरा प्रस्ताव निर्दलीय सीनेटर हिलाल-उर-रहमान की ओर से संसद में पेश किया गया. प्रस्ताव में हिलाल-उर-रहमान ने कहा है कि बहुत ज्यादा ठंड और बर्फबारी से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नागरिकों के लिए वोट डालने में मुश्किलें पैदा होगीं.

प्रस्ताव में चुनाव प्रचार में आ रही दिक्कतों का जिक्र

प्रस्ताव में ठंड की वजह से प्रचार-प्रसार में दिक्कतों का भी जिक्र किया गया है. कहा गया है कि सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल प्रचार करने की कोशिश करने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनौतियां पैदा कर सकती हैं. विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा में उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान आतंकवादी हमलों के खतरों का सामना करना पड़ रहा है.

सुरक्षा खतरों की वजह से भागादारी पर पड़ रहा असर

निर्दलीय उम्मीदवार ने दावा किया है कि सुरक्षा की वजह से उम्मीदवार ठीक से चुनाव प्रचार भी नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में उनकी भागीदारी सीमित हो रही है. प्रस्ताव में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग से आम चुनाव को आगे टालने का आग्रह किया गया है. कहा गया है कि अगर चुनाव स्थगित किया जाता है तो इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने में भी मदद मिलेगी.

दो दिन पहले पेश किए गए प्रस्ताव में आम चुनावों को तीन महीने आगे टालने की मांग की गई थी. यह प्रस्ताव भी निर्दलीय सीनेटर हिदायतुल्ला की ओर से पेश किया गया था. उन्होंने ने भी अपने प्रस्ताव में मौजूदा वक्त में हुई आतंकवादी घटनाओं और सुरक्षा चुनौतियों का हवाला देते हुए आगे टालने की मांग की थी.

पहले प्रस्ताव को खारिज कर चुका है चुनाव आयोग

इस महीने की शुरुआत में पेश किए गए पहले प्रस्ताव को निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया था और साफ कर दिया था कि देश में आम चुनाव 8 फरवरी को ही होंगे. चुनाव आयोग के साथ-साथ कुछ प्रमुख सत्ताधारी दलों ने सीनेट में पास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि चुनावी प्रक्रिया को टालना असंवैधानिक होगा.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER