AMAR UJALA : Apr 18, 2020, 04:36 PM
Pakistan: कोरोना वायरस के संक्रमण से लगभग पूरी दुनिया प्रभावित है। जिससे भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान भी अछूता नहीं है। यहां डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के पास व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट, मास्क और दस्ताने की सुविधा नहीं है। इसके बावजूद कोविड-19 के मामले जनसंख्या के हिसाब से काफी कम हैं। पाकिस्तान में अब तक कोरोना के 7400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 143 लोगों की मौत हुई है। मगर पाकिस्तान के इन आंकड़ों पर उस समय सवाल उठने लगे जब खबर आई कि कराची शहर के कब्रिस्तानों में बीते 49 दिनों में 3265 शवों को दफनाया गया है। ये संख्या चौंकाने वाली है।द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार ये आंकड़े कराची प्रशासन ने जारी किए हैं। इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि कराची के अस्पतालों में कोरोना से बड़ी तादाद में लोगों की मौत हो रही है लेकिन आम लोगों से प्रशासन इसे छुपाने की कोशिशों में लगा हुआ है।रिपोर्ट के अनुसार जब हजारों दफनाए गए शवों को लेकर अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि आखिर इतने लोगों की मौत कैसे हुई। वहीं इमरान खान सरकार ने मौत के इन आंकड़ों को सिरे से खारिज कर दिया है। जबकि शवों को दफनाने का आंकड़ा कराची नगर निगम ने जारी किया है।इससे साफ जाहिर होता है कि इमरान सरकार कुछ छुपाने की कोशिश कर रही है। वहीं भारत की बात की जाए तो यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी देखने को मिली है। पिछले 12 घंटे में वायरस के 543 नए मामले सामने आए हैं, जो शुक्रवार (628) की तुलना में कम है।केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 14,000 से ऊपर हो गई है। पिछले 24 घंटे में 991 नए मामले सामने आए हैं और 43 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 14,378 हो गई है। जिसमें 11,906 सक्रिय हैं, 1992 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 480 लोगों की मौत हो गई है।सरकारी आदेश के उल्लंघन पर उतारू मौलवियों पर लगाम कसने को जूझ रही सरकारपाकिस्तान सरकार मस्जिदों में लोगों के जमा होने के खिलाफ आदेशों का उल्लंघन करने वाले मौलवियों पर लगाम कसने के लिए संघर्ष कर रही है। विषाणु पर नियंत्रण लगाने की कोशिशों के बीच संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार के सामने सबसे बड़ी बाधा मौलवियों को मस्जिदों में एक साथ मिलकर सामूहिक इबादत से रोकने के लिए राजी करना हो रहा है।राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार को जमात-ए-इस्लामी प्रमुख सीनेटर सिराजुल हक, जमात उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, मरकजी जमात अहले हदीस प्रमुख सीनेटर साजिद मीर और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज नेता राना तनवीर हुसैन से शुक्रवार को इस मुद्दे पर बात की। प्रधानमंत्री इमरान खान के भी इस अहम मुद्दे पर धार्मिक नेताओं को विश्वास में लेने के लिए उनसे मुलाकात करने की संभावना है।अभी तक तबलीगी जमात ने सहयोग का वादा किया है और उसके प्रमुख मौलाना नजरुर रहमान ने अपने अनुयायियों से रमजान में आधिकारिक दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने शुक्रवार को मौलवियों से कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए कहा।शुक्रवार को आधिकारिक दिशा निर्देशों के उल्लंघन की कई घटनाएं दर्ज की गई। लेकिन गत शुक्रवार के मुकाबले हालात बेहतर रहे जब कराची में एक मस्जिद के बाहर पुलिस और नमाजियों के बीच झड़प हो गई थी।