Afghanistan Pakistan Ceasefire / अफगानिस्तान और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत, कतर ने किया ऐलान

कतर के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। तुर्की की मध्यस्थता में यह वार्ता हुई, जिसका उद्देश्य तत्काल युद्धविराम और सीमा पार आतंकवाद को रोकना था। दोनों देश स्थायी शांति के लिए और बैठकें करेंगे।

कतर के विदेश मंत्रालय ने आज सुबह घोषणा की कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता हो गया है। तुर्की की मध्यस्थता में हो रही इस महत्वपूर्ण वार्ता का मुख्य उद्देश्य तत्काल युद्धविराम स्थापित करना था, ताकि दोनों देशों के और नागरिक हिंसा का शिकार न बनें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कतर ने यह भी बताया कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में और बैठकें आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। इन बैठकों का लक्ष्य युद्धविराम को स्थायी बनाना और इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है।

पृष्ठभूमि और तनाव

यह समझौता ऐसे समय में आया है जब साल 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर है। सीमा पार से होने वाले हमलों और आरोपों-प्रत्यारोपों ने रिश्तों को और जटिल बना दिया था और

उच्च-स्तरीय वार्ता

कतर में हुई इस बातचीत के लिए अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ विशेष रूप से पहुंचे थे। यह वार्ता दोनों पक्षों के लिए अपनी चिंताओं को सीधे तौर पर रखने का एक मंच बनी।

पाकिस्तान का आरोप और तालिबान का पलटवार

पाकिस्तान ने बातचीत का मुख्य लक्ष्य अफगानिस्तान से पाकिस्तान में सीमा पार आतंकवाद को रोकना और सीमा पर शांति व स्थिरता बहाल करना बताया। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में सत्ताधारी तालिबान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को पनाह देता है, जो खैबर पख्तूनख्वा सहित पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में हमले करता है। दूसरी ओर, तालिबान लगातार TTP के आतंकियों को पनाह देने से इनकार करता रहा है और तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए इस्लामिक स्टेट से जुड़े समूहों का समर्थन करता है और गलत सूचना फैलाता है। इस युद्धविराम समझौते से तनाव कम होने और भविष्य में रचनात्मक बातचीत की उम्मीद जगी है।