दुनिया / सऊदी अरब और यूएई के बाद अब कतर ने भी पाकिस्तान को दिया झटका

AajTak : Jun 04, 2020, 04:13 PM
पाकिस्तान: कोरोना महामारी की त्रासदी के साथ-साथ आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को एक और झटका लगा है। सऊदी अरब और यूएई के बाद, अब कतर ने भी पाकिस्तान की अहम परियोजनाओं में निवेश करने से मना कर दिया है। कतर ने पाकिस्तान में निवेश को लेकर शुरुआत में दिलचस्पी दिखाने के बाद अब अपने पैर पीछे खींच लिए हैं।

कतर ने पाकिस्तान की सरकार से इस्लामाबाद एयरपोर्ट, जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अलामा इकबाल एयरपोर्ट के मालिकाना हक के स्थानांतरण को लेकर बातचीत की थी। इसके लिए कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने पाकिस्तान की सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी में 40 फीसदी तक की हिस्सेदारी खरीदने में भी दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, सरकार के एयरपोर्ट की व्यावसायिक गतिविधियों को आउटसोर्स कराने के प्रस्ताव के बाद से कतर ने निवेश से मुंह मोड़ लिया है।

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान एयरपोर्ट में पार्किंग सर्विसेज, टक शॉप सर्विसेज, रेस्टोरेंट जैसी सेवाओं को आउटसोर्स करना चाहता है ताकि एयरपोर्ट का ऑपरेशनल कंट्रोल उसी के पास रहे। लेकिन कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने इसी प्रस्ताव को वजह बताकर निवेश से इनकार कर दिया है।

पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कतर का दौरा किया था। इस दौरे में कतर के अमीर ने पाकिस्तान के एयरपोर्ट्स में निवेश करने की इच्छा जताई थी लेकिन उसके बाद इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ सका। कतर ने पाकिस्तान में 3 अरब डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था।

पाकिस्तानी अखबार 'द न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कतर में निवेश लाने में नाकामयाब रहने को लेकर अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की है।

सऊदी अरब और यूएई पहले ही इस परियोजना से बाहर हो चुके हैं। विश्लेषकों का मानना है कि कतर के बाहर होने से पाकिस्तान की विकास परियोजना को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, परियोजना पर काम आगे बढ़ाने और दूसरे विकल्पों को तलाश करने के लिए एक कमिटी गठित कर दी गई है।


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