गैंगरेप पीड़िता की मौत / दरिंदगी के बाद छह दिन खाई में पड़ी रही, सात दिन वैंटिलेटर पर बिताए, आखिर में हार गई जिंदगी

Zoom News : Feb 18, 2022, 04:10 PM
राजस्थान के नागौर में गैंगरेप का शिकार हुई महिला की 13 दिन बाद मौत हो गई। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्तपाल में महिला ने गुरुवार देर शाम दम तोड़ दिया। पीड़ित महिला सात दिन से वैंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच लड़ रही थी। उसके शरीर पर नाखून की खरोंच के गहरे निशान थे और प्राइवेट पार्ट भी चोटिल था। आरोपियों ने गैंगरेप कर उसे बेहोशी की हालत में एक खाई में फेंक दिया था। छह दिन तक यहां पड़े रहने के कारण उसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे। इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। 

क्या है मामला 

नागौर के डीडवाना उपखंड के गांव पालोट में एक विवाहिता लापता हो गई थी। परिवार वालों ने दो लोगों पर शक जताते हुए थाने में केस दर्ज कराया था। परिजन रोजाना थाने आकर पुलिस से उसकी तलाश की गुहार लगाते रहे, लेकिन सीआई नरेंद्र जाखड़ छुट्टी पर चले गए थे। लूट के एक मामले की जानकारी लेने एसपी राममूर्ति जोशी डीडवाना थाना पहुंचे तब महिला के परिजन उन्हें थाने में बैठे हुए मिले थे। एसपी ने उनसे थाने आने का कारण पूछा तो उन्होंने पूरे मामला की जानकारी दी थी। इसके तुंरत बाद संदिग्धों को पकड़ कर पूछताछ शुरू की गई थी। पूछताछ में सामने आया था कि आरोपियों ने गैंगरेप के बाद महिला को लहूलुहान हालत में गांव के बाहर एक खाई में फेंक दिया था।  

महिला के प्राइवेट पार्ट्स पर चोट के निशान

पुलिस टीम को महिला एक खाई में बेहोशी की हालत में मिली थी। उसके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट के निशान और शरीर पर नाखूनों से नोचने के निशान थे। शरीर पर जख्म होने के कारण कीड़े पड़ गए थे। गंभीर हालत में महिला को इलाज के लिए बांगड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां से उसे सवाई मानसिंह अस्तपाल रेफर कर दिया गया था। सात दिन तक अस्पताल में संघर्ष करने के बाद गुरुवार देर शाम उसकी मौत हो गई। एसपी राममूर्ति जोशी ने केस में लापरवाही बरतने वाले एसएचओ नरेंद्र जाखड और हेडकॉन्स्टेबल प्रह्लाद सिंह को निलंबित कर दिया है।

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