- भारत,
- 24-May-2025 10:45 AM IST
Donald Trump News: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान देकर वैश्विक टेक इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अमेरिका के बाहर बने सभी स्मार्टफोन्स—चाहे वह एपल के आईफोन हों या सैमसंग और अन्य कंपनियों के डिवाइसेज—उन पर 25% टैरिफ लगाया जा सकता है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि यदि ये उत्पाद अमेरिका में ही बनाए जाते हैं तो टैरिफ नहीं लगेगा, लेकिन बाहर से आयात किए गए स्मार्टफोन्स पर यह शुल्क अनिवार्य होगा।
टैरिफ नीति: केवल एपल नहीं, सभी कंपनियां होंगी प्रभावित
ट्रंप ने इस नीति को केवल एपल तक सीमित न बताते हुए कहा कि यह एक व्यापक कदम होगा, जिससे सैमसंग जैसी विदेशी कंपनियां भी अछूती नहीं रहेंगी। उनका कहना है कि जब तक ये कंपनियां अमेरिका में अपने उत्पादन केंद्र नहीं स्थापित करतीं, तब तक वे टैरिफ से नहीं बच सकतीं। ट्रंप के अनुसार, “जब वे यहां अपना प्लांट लगाते हैं, तो कोई टैरिफ नहीं होगा।”
टिम कुक को दी गई पहले से चेतावनी
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने यह खुलासा किया कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक से पहले ही स्पष्ट रूप से अपनी अपेक्षाएं साझा कर दी थीं। उन्होंने कहा, “मैंने टिम कुक से कहा था कि मैं चाहता हूं कि अमेरिका में बिकने वाले आईफोन अमेरिका में ही बनाए जाएं, न कि भारत या किसी अन्य देश में।” इस चेतावनी के पीछे ट्रंप का तर्क है कि अमेरिकी बाजार को विदेशी निर्माण से बचाकर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना आवश्यक है।
एपल की भारत में निवेश योजनाओं पर सवाल
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब एपल भारत में अपने प्रोडक्शन का विस्तार कर रहा है, विशेषकर चीन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से। हालांकि ट्रंप ने इस बदलाव को नकारात्मक रूप में लिया और कहा कि यदि एपल भारत में प्लांट बनाता है, तो अमेरिका में बिना टैरिफ दिए उसकी बिक्री नहीं हो सकती। इसके जवाब में, एपल ने साफ कर दिया है कि भारत में उसकी निवेश योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
उपभोक्ताओं पर असर: बढ़ सकती है महंगाई
ट्रंप के बयान से यह भी साफ हुआ है कि पहले जहां वह कहते थे कि टैरिफ का भार अन्य देश उठाएंगे, अब उन्होंने संकेत दिया है कि कंपनियों को—और अंततः उपभोक्ताओं को—इसका बोझ उठाना होगा। यदि 25% आयात शुल्क लगाया गया तो इसका सीधा असर स्मार्टफोन की कीमतों पर पड़ेगा। विशेष रूप से आईफोन जैसे प्रीमियम डिवाइसेज महंगे हो सकते हैं, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं की जेब पर दबाव बढ़ेगा।
चुनावी राजनीति या आर्थिक रणनीति?
ट्रंप की यह टैरिफ नीति एक ओर घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की रणनीति हो सकती है, तो दूसरी ओर इसे चुनावी राजनीति से भी जोड़ा जा सकता है। हालांकि, इस नीति का वास्तविक असर अमेरिकी उपभोक्ताओं और वैश्विक टेक कंपनियों की कारोबारी रणनीतियों पर पड़ेगा। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि एपल और अन्य कंपनियां इस चेतावनी के जवाब में क्या कदम उठाती हैं और अमेरिकी टेक बाज़ार किस दिशा में आगे बढ़ता है।
