Rajasthan / राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का ऐलान, जानें पूरा शेड्यूल

Zoom News : May 12, 2022, 07:55 PM
Rajasthan | भारतीय चुनाव आयोग देश के 15 राज्यों के 57 सदस्यों के राज्य सभा सदस्य के उनके सेवाकाल पूर्ण होने के फलस्वरूप नए सदस्यों के चयन हेतु चुनावों की तिथियां घोषित की गई है। जिसमें 24 मई 2022  को चुनावों की अधिसूचना, 31 मई 2022 तक नामांकन,1 जून 2022 तक प्राप्त  नामांकनों की छंटनी, 3 जून 2022 तक नाम वापसी तथा 10 जून 2022 को मतदान के साथ शाम 5 बजे चुनाव परिणाम की घोषणा की गई है। उपरोक्त 15 राज्यों  में से राजस्थान से 4 सदस्यों का निर्वाचन होना है। जिनमें ओम प्रकाश माथुर, एल्फन कांनाथन ,राम कुमार वर्मा एवं हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल पूर्ण हो गया है। बहुमत के आधार पर इन 4 में से 3 सीटें जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी कैसे अपने विधायकों को एकजुट रख सकेगी ये बड़ा सवाल है।

प्रदेश के 4 सांसद हो रहे हैं रिटायर

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में प्रदेश के 4 सांसद रिटायर होने जा रहे हैं। इन सांसदों में ओमप्रकाश माथुर, एल्फन कांनाथन, राजकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह शामिल है। ये चारों ही सदस्य भाजपा के है। इनका कार्यकाल 4 जुलाई तक रहेगा, लेकिन चुनाव पहले ही जाएंगे। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस की 2 सीटों पर जीत तय मानी जा रही है। जबकि भाजपा की एक सीट पक्की मानी जा रही है। एक सीट पर सियासी घमासान देखने को मिल सकता है। राजस्थान में राज्यसभा सदस्यों की संख्या 10 है। इसमें में से 7 भाजपा के पास है जबकि कांग्रेस के पास 3 है। लेकिन चुनाव के बाद यह संख्या बदल जाएगी। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 5 जबकि भाजपा की घटकर यह संख्या 4 हो जाएगी। अगर चौथी सीट भी कांग्रेस के हाथ लग जाती है तो उसकी मजबूती और बढ़ जाएगी। राज्य से कांग्रेस के जो सदस्य है उनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी है। वहीं भाजपा के किरोड़ीलाल मीणा, राजेंद्र गहलोत औऱ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव है। 

क्राॅस वोटिंग से कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे पर भले ही सीधे बयानबाजी नहीं कर रहे हो लेकिन जिस तरह से दोनों गुटों से जुड़े विधायक अब गहलोत और पायलट को लेकर बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि राज्यसभा चुनावों में दोनों गुटों के नेताओ को साथ रखना बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगातार कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बातें रख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब उनके समर्थक विधायकों ने दोनों प्रमुख नेताओं पर जुबानी हमला करना शुरू कर दिया है। हालांकि सीधे तौर पर तो कोई भी गहलोत और पायलट का नाम नहीं ले रहा लेकिन उनकी ओर से किए गए पलटवार सीधे इन्हीं दोनों नेताओं पर होती है। क्राॅस वोटिंग से कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है। 

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