मनोरंजन / अफगानिस्तान को हम जैसे छोड़ रहे हैं, एक अमेरिकी के रूप में उससे शर्मिंदा हूं: एंजेलिना

ऐक्ट्रेस एंजेलिना जोली ने टाइम पत्रिका के एक ऑप-एड में कहा कि अमेरिका जिस तरह से अफगानिस्तान को छोड़ रहा है उससे वह एक अमेरिकी के रूप में शर्मिंदा हैं। उन्होंने लिखा, "हम कमज़ोर पड़ गए...अफगानिस्तान में जो हो रहा है उसे अब हम नहीं रोक सकते...हमारे पास अफगान महिलाओं व नागरिकों की देखरेख व मदद की रणनीति नहीं है।"

मनोरंजन: दुनियाभर में पहचान बना चुकी एक्ट्रेस एंजेलिना जोली ने अमेरिकी सैनिक को लेकर बड़ी बात कही है. अभिनेत्री-फिल्म निर्माता एंजेलिना ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस लेने के फैसले पर गुस्सा व्यक्त किया है. अमेरिका के वापस लौटने से अफगान सरकार तालिबान के हाथों में आ गई है.

जोली ने हाल ही में एक मीडिया एजेंसी से कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध पर आपके जो भी विचार हैं, हम शायद एक बात पर सहमत हैं. इसे इस तरह से समाप्त नहीं करना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच एक शांति समझौते के विचार को छोड़ना और काटने और चलाने के लिए हमारे सहयोगियों और समर्थकों को इतने अराजक तरीके से छोड़ना उचित नहीं था.

इतने वर्षों के प्रयास और बलिदान के बाद यह एक कल्पना है. विश्वासघात और विफलता को पूरी तरह से समझना असंभव है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त के विशेष दूत के रूप में मानवीय कार्य पूरा करने वाली जोली का कहना है कि वह अपने देश के प्रस्थान के तरीके से शर्मिंदा हैं और उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान की घटनाओं से अमेरिका की शान में कमी आई है. 

जोली ने कहा कि एक अमेरिकी के रूप में हमारे जाने के तरीके से मैं शमिंर्दा हूं. 46 वर्षीय अभिनेत्री अफगानिस्तान में महिलाओं के बारे में भी चिंतित हैं क्योंकि तालिबान महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए कुख्यात हैं. एंजेलीना ने समझाया कि अफगानिस्तान में अब जो हो रहा है, वह बहुत दुखद हो गलत है.

हमारे पास अफगानिस्तान में महिलाओं और नागरिक समाज की निगरानी और समर्थन करने की रणनीति की कमी है. जिन्हें तालिबान निशाना बना रहा है, जैसे लड़कियों को स्कूल से प्रतिबंधित करना, महिलाओं को घर तक सीमित रखना और किसी भी महिला को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने सहित क्रूर शारीरिक दंड देना.

इसके साथ ही एक्ट्रेस ने कहा कि अफगानिस्तान से वापसी ने एक नया शरणार्थी संकट पैदा कर दिया है. रिकॉर्ड वैश्विक विस्थापन के साथ मई के बाद से देश के भीतर लगभग एक चौथाई लाख अफगान विस्थापित हुए हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां हैं.