स्पोर्ट्स / एशेज: टेस्ट में पहली बार सब्सिट्यूट बल्लेबाज बने लाबुशेन, जानें- क्रिकेट का नया नियम

NavBharat Times : Aug 19, 2019, 10:39 AM
आप सालों से क्रिकेट देख रहे होंगे। लेकिन इससे पहले कभी आपने ऐसा नहीं देखा होगा कि किसी टेस्ट मैच की पहली पारी में कोई और बल्लेबाज बैटिंग करने उतरा हो और दूसरी पारी में उसके स्थान पर कोई दूसरा बल्लेबाज। लेकिन इस बार इंग्लैंड में खेली जा रही एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट में यही देखने को मिला। ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ कंगारू टीम की पहली पारी में चोटिल हो गए तो उनके स्थान पर मार्नस लाबुशेन को मौका दिया गया। 

ऐसा क्यों हुआ 

दरअसल ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ लॉर्ड्स टेस्ट की अपनी पहली पारी में युवा तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की गेंद पर घायल हो गए। आर्चर की उछाल लेती एक गेंद स्मिथ की गर्दन पर जा लगी। जब स्टीव स्मिथ यहां 80 रनों के निजी स्कोर पर बैटिंग कर रहे थे तब आर्चर की 148.7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भरी एक गेंद सीधे गर्दन पर जा लगी। मैच के चौथे दिन यह घटना घटी थी। स्मिथ ने उस दिन तो उबरकर बाद में अपनी बैटिंग भी पूरी की लेकिन जब 5वें दिन की सुबह वह उठे तो उन्हें चक्कर, सिर में दर्द की शिकायत की और बाकी के बचे लॉर्ड्स टेस्ट से अपना नाम वापस ले लिया। 

ऑस्ट्रेलिया ने मैच रेफरी को दी जानकारी और बदला खिलाड़ी 

1 अगस्त से आईसीसी ने क्रिकेट में कुछ नए नियमों को मान्यता दी है। 1 अगस्त से टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हो चुकी है और इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही एशेज सीरीज भी इसी का हिस्सा है। अब क्रिकेट में नया नियम है यह है कि अगर किसी खिलाड़ी के सिर या गर्दन में चोट लगती है तो उसके स्थान पर किसी दूसरे खिलाड़ी को मौका दिया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने 5वें दिन की सुबह मैच रेफरी रंजन मदुगले से स्मिथ की जगह मार्नस लाबुशेन को टीम में शामिल करने का निवेदन किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 

142 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार 

पहले चोटिल खिलाड़ी की जगह मैदान में उतरने वाला खिलाड़ी सिर्फ क्षेत्ररक्षण कर सकता था, लेकिन अब मैच में पूर्ण रूप से भाग ले सकता है। टेस्ट इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई खिलाड़ी किसी टेस्ट मैच के बीच में बतौर सबस्टीट्यूट प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। इतिहास का पहला ऑफिशल टेस्ट मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 15 से 19 मार्च, 1877 में खेला गया था। 

लाबुशेन के हेल्मेट पर भी लगी आर्चर की बाउंसर 

युवा बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन लॉर्ड्स टेस्ट में 4 दिन तक प्लेइंग XI का हिस्सा नहीं थे। अचानक ही मैच के 5वें दिन खेल शुरू होने से कुछ समय पहले उन्हें पता चला कि स्मिथ की जगह आज वह खेलेंगे। मानसिक तौर पर उनके लिए यह कुछ चुनौतीपूर्ण तो रहा होगा। चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया लॉर्ड्स टेस्ट बचाने के लिए (ड्रॉ) उतरा था। पारी के छठे ही ओवर में लाबुशेन की बैटिंग भी आ गई। लाबुशेन अभी अपनी पारी की दूसरी ही गेंद खेल रहे थे कि आर्चर बाउंसर से ही उनका स्वागत किया और यह गेंद सीधे उनके हेल्मेट पर लगी। 

लाबुशेन ने जड़ी उम्दा फिफ्टी 

हेल्मेट की ग्रिल पर बाउंसर लगता देख इंग्लैंड के फील्डर और खुद गेंदबाज आर्चर कुछ पलों के लिए असहज दिखे लेकिन लाबुशेन यहां सुरक्षित थे और हेल्मेट ने उनका पूरा बचाव किया। हालांकि कुछ पलों के लिए खेल रोका गया और फिर लाबुशेन ने अपना हेल्मेट बदलकर अपनी बैटिंग को जारी रखा। अपनी इस पारी में लाबुशेन ने 100 गेंदों का सामना कर कंगारू टीम की दूसरी पारी में सर्वाधिक 59 रन बनाए और इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में अहम रोल अदा किया। एशेज सीरीज में 2 टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलिया 1-0 से आगे है।

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