अयोध्या / राममंदिर की नींव में डाली जाएंगी क्या-क्या सामग्री और क्या है इनकी महिमा

Zoom News : Jul 31, 2020, 11:47 PM

श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram janmabhoomi) अयोध्या (Ayodhya) में बनने जा रहे ब्रह्मांड नायक भगवान राम के भव्य मंदिर की तैयारियां तेज हो गई हैं. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 5 अगस्त को मंदिर का भूमिपूजन (foundation Worship) और शिलान्यास करेंगे. खास बात ये है कि अयोध्या में भगवान राम के इस भव्य और दिव्य मंदिर का सबसे करीबी रिश्ता राम के अराध्य शिव से बनता दिख रहा है. शिव नगरी काशी के सांसद नरेंद्र मोदी मंदिर का भूमि पूजन करेंगे


भूमि पूजन कराने के लिए तीन आचार्य काशी से जा रहे हैं और अब भूमि पूजन में नींव के अंदर विराजित होने के लिए वाराणसी से ही सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न जाएंगे. सभी बनकर तैयार हो गए हैं और काशी विद्धत परिषद के महामंत्री और बनारस हिंदू विश्वविदयालय के धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ रामनारायण दिवेदी के पास पहुंच गए हैं. प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी के साथ बीएचयू के ही प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय इनको लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. जहां पीएम मोदी शिलान्यास में विधिवत पूजन अर्चन के साथ इन्हें राम मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे


नींव में रखी जाएंगी ये सामग्री

खास बात ये है कि पहले इन सभी को बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाएगा. फिर प्रसाद स्वरूप लेकर जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव में पीएम मोदी इसे स्थापित करेंगे. काशी विद्धत परिषद के महामंत्री प्रो राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न सब तैयार हो गए हैं. अब इन्हें बाबा विश्वनाथ को अर्पित कर प्रसाद के रूप में अयोध्या लेकर जाएंगे.


जानें इन सामग्री की महिमा

प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने इनका महत्व समझाते हुए बताया कि धरती शेषनाग पर टिकी है. खुद भगवान भी शेषनाग की शैय्या पर विराजते हैं. इसलिए सोने के शेषनाग को नींव के अंदर स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा कच्छप लक्ष्मी जी की सवारी है. इससे वह स्थान हमेशा जागृत और दिव्यता प्राप्त करेगा. समुद्र मंथन पर भी भगवान ने कच्छप अवतार लेकर पर्वत को अपनी पीठ पर उठाया था. इसलिए उसकी भी मान्यता है. स्वर्ण वास्तु देवता एक वास्तु पुरुष है. इसलिए किसी भी नींव पूजन में इनके होने से वास्तु के सभी दोष खत्म हो जाते हैं. वहीं बेलपत्र और चंदन भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय हैं. इसके अलावा पंचरत्न और पंच औषधियों का भी नींव पूजन में बहुत महत्व है

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER