राजस्थान के बाड़मेर शहर में शुक्रवार देर रात एक पुरानी रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप एक मां और बेटे पर जानलेवा हमला हुआ। यह घटना 'रजिया बनी राधिका' नामक एक अंतरधार्मिक विवाह से उपजे विवाद से जुड़ी है, जिसने अब एक गंभीर मोड़ ले लिया है और समुदाय विशेष के कुछ हमलावरों ने कार में सवार होकर जा रहे मां-बेटे पर लाठी-डंडों से बेरहमी से हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी कार को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
हमले की भयावहता और पीड़ितों की स्थिति
यह हमला शुक्रवार देर रात उस समय हुआ जब संतोष देवी और उनके बेटे सवाई अपनी कार से कहीं जा रहे थे। हमलावरों ने उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडों से उन पर और उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ वार किए और कार के शीशे तोड़ दिए गए और उसके बाहरी हिस्से को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमलावरों का इरादा केवल चोट पहुंचाना नहीं, बल्कि आतंक फैलाना भी था। मां संतोष देवी और बेटे सवाई को इस हमले में गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें तुरंत बाड़मेर मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। उनकी हालत की गंभीरता को देखते हुए, अस्पताल प्रशासन और पुलिस दोनों ही स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। इस घटना ने पूरे शहर में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
विवाद की जड़: अंतरधार्मिक विवाह और नाम परिवर्तन
इस जानलेवा हमले के पीछे की मुख्य वजह एक अंतरधार्मिक विवाह है, जैसा कि पीड़िता संतोष देवी ने पुलिस को बताया और उनके बेटे सवाई ने कुछ समय पहले पड़ोस में रहने वाली एक युवती रजिया से शादी की थी। शादी के बाद रजिया ने अपना नाम बदलकर राधिका रख लिया था, जो इस विवाद का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हालांकि, शादी के कुछ दिनों बाद ही रजिया उर्फ राधिका अपने परिजनों के साथ वापस चली गई। संतोष देवी के अनुसार, तभी से रजिया के परिजन उनके परिवार से गहरी रंजिश रखे हुए थे। यह रंजिश समय के साथ बढ़ती गई और अंततः शुक्रवार रात को इस हिंसक घटना के रूप में सामने आई। यह मामला केवल एक हमले का नहीं, बल्कि एक जटिल सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव का। भी संकेत देता है, जो इस तरह के विवाहों के बाद अक्सर उत्पन्न होता है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तनाव नियंत्रण
संतोष देवी ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा सवाई कुछ दिनों बाद घर लौटा था और जब वे दोनों कार से कहीं जाने वाले थे, तभी हमलावरों ने उन्हें घात लगाकर घेर लिया। हमलावरों ने न केवल उन पर शारीरिक हमला किया और कार को क्षतिग्रस्त किया, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकियां भी दीं। पीड़िता के अनुसार, हमलावरों ने चिल्लाते हुए कहा कि वे सवाई की कार को यहां खड़ी नहीं रहने देंगे और लगातार उन्हें जान से मारने की धमकियां दे रहे थे। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हमलावरों का इरादा केवल चोट पहुंचाना नहीं, बल्कि पीड़ितों को स्थायी रूप से डराना और धमकाना भी था और इस तरह की धमकियां घटना की गंभीरता को और बढ़ा देती हैं और कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती हैं।
इस गंभीर घटना की जानकारी मिलते ही बाड़मेर में संभावित सांप्रदायिक तनाव की आशंका बढ़ गई। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, पुलिस के आला अधिकारी तुरंत हरकत में आए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश आर्य और कोतवाली थाना पुलिस का जाब्ता तत्काल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए त्वरित कार्रवाई की और एएसपी नितेश आर्य ने बताया कि शहर में तनाव को देखते हुए, संवेदनशील क्षेत्रों में आरएसी (राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी) का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है। आरएसी की तैनाती का उद्देश्य किसी भी अप्रिय घटना को रोकना और शांति व्यवस्था बनाए रखना है। पुलिस बल की मौजूदगी से स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है और किसी भी तरह के सांप्रदायिक भड़काव को रोकने में मदद मिली है।
संदिग्धों की हिरासत और गहन जांच
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए, घटना में शामिल तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। इन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है ताकि हमले के पीछे। के पूरे षड्यंत्र और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों का पता लगाया जा सके। पुलिस ने क्षतिग्रस्त कार को भी जब्त कर लिया है, जिसे आगे की जांच के लिए फोरेंसिक टीम द्वारा जांचा जाएगा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश आर्य ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर रही है। जांच का उद्देश्य न केवल हमलावरों को पकड़ना है, बल्कि इस विवाद की जड़ तक पहुंचना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना भी है। पुलिस प्रशासन बाड़मेर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने का आश्वासन दिया है।