- भारत,
- 31-Aug-2025 09:57 PM IST
Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार लगातार बड़े और महत्वपूर्ण फैसले ले रही है। इसी कड़ी में भजनलाल कैबिनेट ने एक बार फिर धर्म परिवर्तन निषेध कानून में संशोधन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस संशोधन बिल में लव जिहाद जैसे मामलों पर सख्ती और आजीवन कारावास तक के प्रावधान शामिल किए जा रहे हैं। इसके साथ ही 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और संपत्ति जब्त करने जैसे कड़े कदम भी प्रस्तावित हैं। यह बिल 1 सितंबर, 2025 से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
कैबिनेट की मंजूरी और बिल के मुख्य बिंदु
शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस संशोधन बिल को मंजूरी दे दी गई। नए प्रावधानों के तहत बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के धर्म परिवर्तन या विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा। इस अपराध के लिए न्यूनतम 7 साल और अधिकतम 20 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। इसके अलावा, निम्नलिखित गतिविधियों को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है:
प्रलोभन देना
दबाव बनाना
जबरन प्रचार करना
विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन कराना
हालांकि, स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में "घर वापसी" करने की अनुमति होगी।
सजा और जुर्माने के प्रावधान
संशोधित बिल में विभिन्न प्रकार के धर्मांतरण अपराधों के लिए कड़े दंड प्रस्तावित हैं:
साधारण अपराध: 7 से 14 साल की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना।
नाबालिग, महिला, दिव्यांग या एससी-एसटी समुदाय के मामले: 10 से 20 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना।
सामूहिक धर्मांतरण: न्यूनतम 20 साल का कारावास, अधिकतम आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना।
विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण: 10 से 20 साल की सजा और 20 लाख रुपये तक का जुर्माना।
बाल विवाह से जुड़ा धर्मांतरण: न्यूनतम 20 साल और अधिकतम आजीवन कारावास।
पुनरावृत्ति (बार-बार अपराध): कम से कम 20 साल का कठोर कारावास और न्यूनतम 50 लाख रुपये का जुर्माना।
यदि कोई संस्था बार-बार इस तरह के अपराध में शामिल पाई जाती है, तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और सरकारी अनुदान भी बंद कर दिया जाएगा।
संपत्ति जब्ती और विवाह शून्यता
बिल में यह भी प्रावधान है कि जिस स्थान, परिसर या मकान में धर्मांतरण का अपराध होता है, उसे सरकार अधिग्रहित कर सकती है, जिससे संपत्ति का मालिकाना हक समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा, यदि कोई विवाह धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से किया जाता है, तो उसे शून्य माना जाएगा। ऐसे मामलों की सुनवाई सेशन कोर्ट में होगी।
धर्म परिवर्तन की वैध प्रक्रिया
सरकार ने धर्म परिवर्तन के लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया भी निर्धारित की है:
इच्छुक व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना देनी होगी।
कलेक्टर जांच के बाद संतुष्ट होने पर अनुमति देंगे।
बिना अनुमति या गलत जानकारी देने पर सजा का प्रावधान होगा।
यदि कोई संस्था धर्म परिवर्तन का आयोजन करती है, तो उसे दो बार पूर्व सूचना देनी होगी।
पृष्ठभूमि और विरोध
हाल के दिनों में राजस्थान में जबरन और प्रलोभन देकर धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने इन घटनाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की थी। VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर इस मुद्दे पर कठोर कानून लाने का आग्रह किया था। इस पृष्ठभूमि में भजनलाल सरकार ने यह संशोधन बिल तैयार किया है, जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
