देश / यादव वोट को लेकर गंभीर भाजपा, यूपी में '2014' दोहराने का बड़ा प्लान

Zoom News : Jul 25, 2022, 10:41 PM
उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में बड़ी जीत के बाद भाजपा उत्साहित है और अब 2024 को लेकर बड़ी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। भाजपा की नीतियों को देखकर कहा जा सकता है कि वह 2024 में यूपी में 2014 दोहराने की कोशिश में लगी हुई है। अगर ऐसा होता है तो यह समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा और भाजपा का एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने रास्ता बेहद आसान हो जाएगा।  बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ में भाजपा ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी। इसे सपा का गढ़ कहा जाता था।

हरमोहन यादव की पुण्यतिथि, बड़ा संकेत

उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जातियों में सबसे ज्यादा जनसंख्या यादवों की है। समाजवादी पार्टी की पकड़ भी यादव और मुस्लिम वोटों पर सबसे ज्यादा है। ऐसे में भाजपा अब यादवों को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगी हुई है। समाजवादी नेता हरमोहन की 10वीं पुण्यतिथि के मौके पर भाजपा ने यह सीधा संदेश दे दिया है। कानपुर में उनकी पुण्यतिथि के मौके पर इस बार सपाइयों की भीड़ नहीं बल्कि भाजपा के कद्दावर नेता जुटे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। बता दें कि हरमोहन यादव मुलायम यादव के लंबे समय तक सियासी हमसफर रहे। इस मौके पर पीएम मोदी ने हरमोहन यादव की जमकर तारीफ की। बता दें कि 1084 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हरमोहन यादव ने हिंसा को रोकने में बड़ा योगदान दिया था। इसके बाद उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। 

PM ने हर समुदाय के पिछड़ों को साथ लाने का दिया था संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद की बैठक में साफ कहा था कि हर समुदाय के पिछड़ों को साथ लाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा था कि पिछड़े मुसलमानों खासतौर पर जिन्हें पसमांदा कहा जाता है, उनके जीवन को उठाने के लिए काम किया जाना चाहिए। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि भाजपा अब न केवल यादव बल्कि मुस्लिम समीकरण भी साधने की पूरी कोशिश करेगी। 

ओवैसी के बयान भी भाजपा के लिए फायदेमंद?

असदुद्दीन ओवैसी पर विपक्षी पार्टियां कई बार आरोप लगाती रही हैं कि उनकी राजनीति भाजपा का  फायदा कराती है। हालांकि ओवैसी ने हमेशा इससे इनकार किया है। हालांकि ओवैसी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला करने से नहीं चूकते हैं। लोकसभा उपचुनाव के बाद भी उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि सपा में भाजपा को हराने की न तो काबिलियत है और न ही कुव्वत। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपना कीमती वोट ऐसे लोगों पर जाया करने के बजाय अपनी खुद की पहचान बनाएं।

सपा के सहयोगियों में टूट

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के साथ दिखने वाले सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का भी राजनीतिक तलाक हो गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि 2024 के चुनाव में वह भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। ऐसे में न केवल उनका यह स्टैंड बल्कि उनके बयान भी सपा को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। वह सपा के साथ रहे हैं और अगर वह अखिलेश यादव के खिलाफ बयान देते हैं तो इसका सीधा  फायदा भाजपा को मिलने वाला है। 

वहीं पारिवारिक कलह का फायदा भी भाजपा को ही मिलेगा। अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच तमाम कोशिशों के बावजूद बात बन नहीं पाई। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान शिवपाल यादव ने खुला ऐलान कर दिया था कि समर्थन एनडीए की उम्मीदवार रहीं द्रौपदी मुर्मू को ही मिलना चाहिए। वहीं सपा में क्रॉस वोटिंग भी देखी गई। 

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