Bengaluru Cafe Blast / रामेश्वरम कैफे बम ब्लास्ट में BJP वर्कर को NIA ने हिरासत में लिया

Zoom News : Apr 05, 2024, 07:32 PM
Bengaluru Cafe Blast: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछले मार्च में बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट के सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक कार्यकर्ता को हिरासत में लिया है। हालांकि एनआईए ने अपनी प्रेस रिलीज में ऐसी किसी जानकारी का जिक्र नहीं किया है। एनआईए ने अपने बयान में कहा कि बेंगलुरु में 1 मार्च को हुए रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की जांच के हिस्से के रूप में एनआईए ने आईईडी विस्फोट को अंजाम देने वाले आरोपी व्यक्ति की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब और सह-साजिशकर्ता अब्दुल मथीन ताहा के रूप में की है। दोनों शिवमोग्गा जिले में तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। इसमें कहा गया है कि मामला आतंकी घटना होने के कारण गवाहों की पहचान के बारे में कोई भी जानकारी जांच में बाधा डालने के अलावा व्यक्तियों को बुलाए जाने को भी जोखिम में डाल सकती है।

दो आरोपी पकड़ से बाहर

दरअसल 13 मार्च को रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले की कमान संभालने वाली एनआईए ने पहले मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार किया था। उसे विस्फोट का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता है। शरीफ की गिरफ्तारी कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में छापेमारी के बाद हुई। मुख्य संदिग्ध मुसाविर शाज़ीब हुसैन और सह-साजिशकर्ता अब्दुल मथीन ताहा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

कर्नाटक के मंत्री ने क्या लिखा?

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने एक्स पर लिखा है कि बीजेपी कार्यकर्ता को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली से पकड़ा गया था। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि तीर्थहल्ली के बीजेपी नेता साई प्रसाद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में हिरासत में ले लिया है। मंत्री ने आगे लिखा है कि अब राज्य की भगवा कलियां क्या कहेंगी कि विस्फोट का कारण हमारी सरकार है? क्या इसका मतलब यह नहीं है कि बीजेपी रामेश्वरम कैफे विस्फोट में शामिल है क्योंकि बीजेपी नेता को एनआईए ने हिरासत में ले लिया है? क्या आपको और कुछ चाहिए? यह इस बात का सबूत है कि धार्मिक संरक्षण के नाम पर बीजेपी राज्य में जो भगवा आतंकवाद चला रही है, वह गंभीर समस्याएं पैदा कर रही है? देश पर आरएसएस की विचारधारा थोपने वाली केंद्रीय बीजेपी का इस पर क्या कहना है?

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