Budget 2021 / देश के बजट में सेना के लिए क्या? जानिए मोदी सरकार ने कितना दिया पैसा

Zoom News : Feb 01, 2021, 07:48 PM
Budget 2021: चीन और पाकिस्तान जैसे खुराफाती पड़ोसियों की वजह से भारत को हर साल रक्षा बजट पर एक भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है। पिछले कई महीनों से चीन से चल रहे टकराव के बीच एक बार फिर रक्षा बजट में इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। 

इस बार रक्षा बजट में भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन के लिए आवंटित राशि में कमी हुई है। यह माना जा रहा है कि पेंशन लेने वालों की संख्या में कमी होने की वजह से पेंशन की राशि में कमी हुई हो सकती है। हालांकि रक्षा मंत्रालय की तरफ से अभी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं बताया गया है। 

रक्षा बजट के लिए कुल 4.78 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें से करीब 1.16 लाख करोड़ रुपए भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन के लिए है। जबकि बाकी 3.62 लाख करोड़ रुपये की राशि तीनों सेनाओं के लिए है। जबकि पिछले साल यह बजट करीब 3.37 लाख करोड़ था। यानी इस साल कुल बढ़ोतरी 25 हजार करोड़ रुपये की हुई है, जो करीब साढ़े 7 फीसदी की है।

आधुनिकीकरण का बजट 19 फीसदी बढ़ा

दूसरी तरफ यदि सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए दिए जाने वाले बजट की बात करें तो उसमें इस साल कुल 20,776 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इस साल यह राशि 1,36,060 करोड़ है। जबकि पिछले साल 1,13,734 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस प्रकार आधुनिकीकरण के बजट में करीब 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी पिछले डेढ़ दशक में सर्वाधिक है। 

पेंशन का बजट घटा

तीनों सेनाओं के करीब 24 लाख भूतपूर्व सैनिक हैं। इनकी पेंशन पर अच्छा-खासा व्यय सरकार करती है। पिछले साल इस मद में करीब 1.33 लाख करोड़ रुपये रखे गए थे। लेकिन इस बार यह राशि 1.16 लाख करोड़ है। इसमें 17 हजार करोड़ रुपये की कमी आई है। फिलहाल रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह कमी क्यों हुई है। पिछले कई सालों से लगातार पेंशन के बजट में बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन पहली बार इसमें कमी का रुझान है। 

रक्षा क्षेत्र को कुल आवंटन

दरअसल, यदि रक्षा क्षेत्र को इस साल के कुल आवंटन की बात करें तो वह महज आठ हजार करोड़ ही बढ़ा है। पिछले साल कुल आवंटन पेंशन को मिलाकर 4.70 लाख करोड़ था लेकिन इस बार यह 4.78 करोड़ हो गया। पेंशन के बजट में कमी से यह फर्क आया है।

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