Canada Student Visa / कनाडा ने भारतीय छात्रों को दिया बड़ा झटका, 74% वीज़ा आवेदन हुए खारिज

कनाडा सरकार के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिज़नशिप डिपार्टमेंट ने खुलासा किया है कि अगस्त 2025 में 74% भारतीय छात्रों के वीज़ा आवेदन खारिज कर दिए गए। यह भारत के लिए अब तक की सबसे ऊंची अस्वीकृति दर है, जो दो साल में 42% की वृद्धि दर्शाती है। आवेदनों की संख्या में भी भारी कमी आई है, जिसका कारण कनाडा की नई आव्रजन नीति है।

कनाडा सरकार के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिज़नशिप डिपार्टमेंट ने हाल ही में भारतीय छात्रों के लिए छात्र वीज़ा आवेदनों के संबंध में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। यह जानकारी उन हजारों भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा झटका है जो कनाडा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखते हैं। विभाग द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में भारतीय छात्रों के 74% वीज़ा आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया है, जो भारत के लिए अब तक की सबसे ऊंची अस्वीकृति दर है। यह आंकड़ा न केवल छात्रों के भविष्य पर सवाल उठाता है, बल्कि कनाडा की आव्रजन नीतियों में आए महत्वपूर्ण बदलावों को भी उजागर करता है। अगस्त 2025 में भारतीय छात्रों के वीज़ा आवेदनों की 74% अस्वीकृति दर एक अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाती है। यदि हम इसकी तुलना अगस्त 2023 के आंकड़ों से करें, तो उस। समय कनाडा ने भारतीय छात्रों के 32% वीज़ा आवेदनों को खारिज किया था। इसका मतलब है कि केवल दो वर्षों की अवधि में, अस्वीकृति दर में 42% की भारी बढ़ोत्तरी हुई है। यह वृद्धि उन छात्रों के लिए चिंता का विषय है जो कनाडा को अपनी पढ़ाई के लिए एक पसंदीदा गंतव्य मानते हैं। इस तरह की उच्च अस्वीकृति दर का मतलब है कि अधिकांश आवेदकों को उनके सपनों को पूरा करने। का अवसर नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी शैक्षणिक और करियर योजनाओं पर गहरा असर पड़ रहा है।

आवेदन संख्या में भारी गिरावट

वीज़ा अस्वीकृति दर में वृद्धि के साथ-साथ, कनाडा के लिए छात्र वीज़ा आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है। अगस्त 2023 में, कनाडा के वीज़ा के लिए 20,900 भारतीय छात्रों ने आवेदन किया था। हालांकि, अगस्त 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 4,515 रह गई है। यह गिरावट स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि या तो छात्र कनाडा की सख्त नीतियों से अवगत हो गए हैं और अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, या फिर वे आवेदन करने से हतोत्साहित हो रहे हैं और आवेदकों की संख्या में यह कमी कनाडा के लिए भारतीय छात्रों की रुचि में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है, जो पहले कनाडा को एक प्रमुख अध्ययन गंतव्य मानते थे।

नीतिगत बदलाव: धोखाधड़ी पर लगाम और सीमित आगमन

कनाडा सरकार द्वारा वीज़ा आवेदनों को खारिज करने की इस उच्च दर और आवेदकों की संख्या में कमी का मुख्य कारण भारत और कनाडा के बीच के संबंधों में गिरावट नहीं है। इसके बजाय, यह कनाडा की आव्रजन नीति में हुए बदलावों का परिणाम है। इस नीति का प्राथमिक उद्देश्य वीज़ा के मामलों में होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगाना और देश में छात्रों के आगमन को सीमित करना है और कनाडा सरकार का मानना है कि इन उपायों से वीज़ा प्रक्रिया की अखंडता बनी रहेगी और केवल वास्तविक छात्रों को ही देश में प्रवेश मिलेगा। यह नीतिगत बदलाव अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कनाडा के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है, जहाँ अब गुणवत्ता और सत्यापन पर अधिक जोर दिया जा रहा है।

भारत-कनाडा संबंधों का प्रभाव नहीं

यह समझना महत्वपूर्ण है कि वीज़ा अस्वीकृति दर में वृद्धि और आवेदकों की संख्या में कमी का कारण भारत और कनाडा के बीच के द्विपक्षीय संबंधों में हालिया गिरावट नहीं है और कनाडा सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये बदलाव उनकी व्यापक आव्रजन नीति का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य वीज़ा प्रणाली को मजबूत करना है। यह नीतिगत निर्णय किसी विशेष देश को लक्षित करने के बजाय, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक अधिक नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण बनाने पर केंद्रित है और इसलिए, इन घटनाओं को दोनों देशों के राजनीतिक संबंधों से जोड़कर देखना सही नहीं होगा, क्योंकि इसका आधार पूरी तरह से आव्रजन नियमों में संशोधन है।

अन्य देशों पर भी असर

कनाडा की यह नई आव्रजन नीति केवल भारतीय छात्रों पर ही लागू नहीं होती है, बल्कि इसका असर दूसरे देशों के छात्रों पर भी पड़ा है। यह एक व्यापक नीतिगत बदलाव है जिसे कनाडा ने अपनी आव्रजन प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए लागू किया है। इसका मतलब है कि अन्य देशों के छात्र भी कनाडा में अध्ययन करने के लिए आवेदन करते समय समान रूप से सख्त जांच और उच्च अस्वीकृति दरों का सामना कर रहे हैं। यह वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के परिदृश्य को प्रभावित कर रहा है, जहाँ छात्रों को अब कनाडा में प्रवेश के लिए अधिक कठोर मानदंडों को पूरा करना होगा। इस नीति का उद्देश्य एक अधिक टिकाऊ और प्रबंधनीय आव्रजन प्रणाली बनाना है।