व्यापार / केमिकल सेक्‍टर को आत्‍मनिर्भर बनाने की तैयारी में केंद्र! पहले 5 साल नहीं देना होगा कॉरपोरेट टैक्‍स

नई पॉलिसी के तहत केमिकल की नई यूनिट लगाने वालों को कॉरपोरेट टैक्स में छूट मिलेगी प्रस्‍ताव के मुताबिक, केमिकल सेक्‍टर से जुड़ी कंपनियों को पहले 5 साल तक किसी तरह का कॉरपोरेट टैक्‍स नहीं देना होगा इसके अगले 5 साल उन्‍हें सिर्फ 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्‍स देना होगा यानी 75 फीसदी टैक्‍स की छूट मिलेगी वहीं, 10 से 15 साल के बीच सिर्फ 50 फीसदी कॉरपोरेट टैक्‍स देना होगा

 केंद्र सरकार ने देश के कैमिकल सेक्‍टर (Chemical Sector) और petro chemical sector को आत्मनिर्भर बनने के लिए नई पॉलिसी तैयार की है. इसके तहत कुछ खास प्रस्‍ताव पेश किए गए हैं. नई पॉलिसी के तहत केमिकल की नई यूनिट लगाने वालों को कॉरपोरेट टैक्स में छूट मिलेगी. प्रस्‍ताव के मुताबिक, केमिकल सेक्‍टर से जुड़ी कंपनियों को पहले 5 साल तक किसी तरह का कॉरपोरेट टैक्‍स (Corporate Tax) नहीं देना होगा. इसके अगले 5 साल उन्‍हें सिर्फ 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्‍स देना होगा यानी 75 फीसदी टैक्‍स की छूट मिलेगी. वहीं, 10 से 15 साल के बीच सिर्फ 50 फीसदी कॉरपोरेट टैक्‍स देना होगा. इससे केमिकल सेक्‍टर की कंपनियों के पास ज्‍यादा पूंजी (Extra Capital) बचेगी.


15 साल में 500 अरब डॉलर निवेश का है लक्ष्‍य

प्लांट के भीतर इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए 10 साल तक 10 से 20 फीसदी तक इक्विटी कैपिटल केंद्र सरकार की ओर से दिया जाएगा. केमिकल मंत्रालय (Ministry of Chemical) ने इस सेक्‍टर को आम्‍तनिर्भर बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है. कैबिनेट (Cabinet) से मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा. प्रस्‍ताव के मुताबिक, अगले 15 साल में केमिकल सेक्‍टर में 500 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा गया है


इंपोर्ट ड्यूटी में भी रियायत देने का है प्रस्‍ताव 

केमिकल सेक्‍टर के हितों को ध्‍यान में रखते हुए 13 साल पुराने पीसीपीआईआर पॉलिसी में भी बदलाव किया जाएगा. वहीं, इंपोर्ट पर ड्यूटी में भी रियायत देने का प्रस्ताव है. इसके तहत नाफ्था, नेचुरल गैस जैसे कच्चे माल के आयात पर शुल्‍क में रियायत देने का प्रस्ताव रखा गया है. केंद्र सरकार केमिकल प्रोडक्‍ट्स पर लगातार एंटी-डंपिंग ड्यूटी (Anti-Dumping Duty) लगा रही है. केमिकल और पेट्रो केमिकल सेक्टर के लिए नई पॉलिसी लागू होने से क्षेत्र में बड़ा सुधार होने की उम्‍मीद बनेगी. बता दें कि टिड्डी दल को काबू करने के लिए केमिकल की मांग बढ़ी है. वहीं, लंबे समय तक कोरोना संकट के कारण disinfectant की मांग में भी इजाफा हुआ है. सभी केमिकल कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे भी अच्छे आने की उम्‍मीद है.