Govind Singh Dotasra / NGO के जरिए बच्चों का ब्रेनवॉश कर रही केंद्र-सरकार, RSS-BJP की विचारधारा थोंप रहे- डोटासरा

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार पर एनजीओ को फंडिंग कर बच्चों का ब्रेनवॉश करने और उन पर आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा थोपने का आरोप लगाया। जयपुर में जवाहर बाल मंच कैंप के उद्घाटन पर उन्होंने कहा कि अंग्रेजी सीखना जरूरी है और बच्चों को सही इतिहास की जानकारी मिलनी चाहिए।

Govind Singh Dotasra: राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि वह एनजीओ को फंडिंग देकर बच्चों के दिमाग में RSS और BJP की विचारधारा जबरन ठूंस रही है। डोटासरा ने कहा कि उनके शिक्षा मंत्री रहते हुए एक केंद्र-फंडेड एनजीओ ने उनसे MoU करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने इसे पहचान लिया और साफ मना कर दिया। यह बयान उन्होंने जयपुर में जवाहर बाल मंच के तीन दिवसीय ट्रेनिंग कैंप के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया।

डोटासरा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया, "जब मैं शिक्षा मंत्री था, तो एक एनजीओ के प्रतिनिधि मेरे पास आए। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि हम 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को फ्री में 'माइंड वॉश प्रोग्राम' के तहत शिक्षा देंगे। इसमें उनके चैप्टर और विचारधारा समझाई जाएगी, और एक प्रमुख न्यूज चैनल पर लाइव प्रसारित किया जाएगा। वह चैनल प्रधानमंत्री के पक्ष में काम करता है। मैंने उनसे पूछा कि आप सिर्फ इन बड़े बच्चों का ही ब्रेनवॉश क्यों करना चाहते हैं? छोटी कक्षाओं जैसे तीसरी से आठवीं तक के बच्चों को क्यों नहीं सिखाते?"

उन्होंने आगे कहा कि एनजीओ का असली मकसद सामने आ गया। "मैंने उन्हें साफ कहा कि आपका एजेंडा सही नहीं है। आप ब्रेनवॉश नहीं, बल्कि RSS की विचारधारा हमारे बच्चों पर थोपना चाहते हैं। राजस्थान का कोई भी व्यक्ति इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।" डोटासरा के अनुसार, एनजीओ के लोग चले गए, लेकिन कुछ देर बाद एक राजस्थान की लड़की, जो उनके साथ थी, वापस आई। उसने खुलासा किया, "सर, आपने बिल्कुल सही समझा। केंद्र सरकार इस एनजीओ को फंडिंग दे रही है और निर्देश दिया है कि तीन-चार साल बाद वोटर बनने वाले बच्चों का ब्रेनवॉश करो।"

अंग्रेजी पर केंद्र की नीति की आलोचना

डोटासरा ने केंद्र सरकार की शिक्षा नीति पर भी सवाल उठाए, खासकर गृह मंत्री के उस बयान पर जिसमें कहा गया कि देश में अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा, "मातृभाषा में शिक्षा देने की बात करते हैं, लेकिन मातृभाषा तो वह है जो घर में बोली जाती है और बच्चा मां से सीखता है। अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है। ग्लोबलाइजेशन के इस युग में आगे बढ़ने के लिए अंग्रेजी सीखना जरूरी है। बिना अंग्रेजी के वैश्विक स्तर पर मुकाबला करना मुश्किल होगा।"

इतिहास की सही जानकारी जरूरी, संकुचित विचारधारा नहीं

कांग्रेस नेता ने शिक्षा में इतिहास के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में स्कूली पाठ्यक्रम को अपडेट किया गया था। इसमें आजादी से पहले और बाद की प्रमुख घटनाओं का विस्तृत विवरण शामिल किया गया, साथ ही विभिन्न नेताओं के योगदान का उल्लेख। डोटासरा ने कहा, "बच्चों को देश का सही इतिहास पता होना चाहिए। सिर्फ लाल किले से खोखले भाषण सुनकर हम अपनी विचारधारा संकुचित नहीं कर सकते। हमें व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, न कि थोथे भाषणों से प्रभावित होना।"

यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक दलों के बीच शिक्षा और युवाओं की विचारधारा को लेकर बहस तेज हो रही है। डोटासरा के आरोपों से केंद्र सरकार और RSS पर सवाल उठ रहे हैं, हालांकि अभी तक केंद्र की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में कांग्रेस के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है, खासकर युवा वोटरों को लक्ष्य करके।