अजमेर / बहादुर शाह जफर के मजार पर 23 नवंबर को अजमेर दरगाह की और से पेश होगी चादर

Zoom News : Nov 16, 2019, 01:12 PM
अजमेर, आखरी मुगल ताजदार बहादुर शाह जफ़र की म्यान्मार के रंगून, स्थित मज़ार पर 23 नवंबर को आयोजित होने वाले 157वें उर्स के अवसर पर दरगाह कमेटी, दरगाह ख्वाजा साहब, अजमेर की ओर से तैयार की गई चादर शरीफ को पेश किया जाएगा। अजमेर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सत्तार खान एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुरेश सिंधी ने सिविल लाईन्स स्थित ख्वाजा माॅडल में चादर को प्रदर्शित किया। इस मौके पर जिला कलक्टर के अनुसार यह न सिर्फ राज्य के लिए बल्कि अजमेर जिले के लिए सौभाग्य की बात है कि पूरे भारत में, चादर को तैयार करने का गौरव हमें मिला। इसके लिए शर्मा ने दरगाह कमेटी को बधाई दी के उनके साझा प्रयास से यह कार्य हो पाया है। अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुरेश सिंधी ने तैयार की गई चादर में राजस्थानी कला को शामिल करने के लिए दरगाह कमेटी को साधुवाद दिया और कहा कि राजस्थान महक अब रंगून में भी महकेगी। वहीं नाज़िम शकील अहमद ने इसे अजमेर से रंगून के रिश्तों का एक नया सूत्र बताया।  इस अवसर पर सहायक नाज़िम डाॅ आदिल, प्राचार्य राजीव अरोड़ा एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। 

यूं किया अजमेर कि चादर को याद:- रंगून में भारतीय दूतावास के द्वारा 11 नवंबर 2019 को बहादुर शाह जफर की मज़ार पर गए थे, वहां पर बहादुर शाह जफर की मजार के उर्स सेलिबे्रशन कमेटी के चेयरपर्सन अल-हाज न् ।लम स्ूपद द्वारा ख्वाहीश जाहिर की गई कि इस बार 23 नवंबर को बहादुर शाह जफ़र के 157वें उर्स के अवसर पर अजमेर दरगाह शरीफ से चादर को मंगवाया जाए। जिसके क्रम में रंगून एम्बेसी द्वारा अजमेर जिला कलक्टर एवं दरगाह कमेटी से सम्पर्क स्थापित कर चादर को तैयार करवाया गया। चादर को रविवार के दिन दिल्ली में विदेश मंत्रालय के अधिकारीयों के सुपुर्द किया जाएगा। गौरतलब है कि उक्त पत्र में 10 दिसंबर 2018 को भारत के राष्ट्रपति महामाहिम श्री रामनाथ कोविंद जी, द्वारा जो चादर पेश की गई थी उसे भी याद किया गया, जिसे भी अजमेर दरगाह कमेटी द्वारा तैयार कर भेजा गया था। 

यह है विशेषताए:- इस बार तैयार की गई चादर का कुल वजन 2 किला 600 ग्राम है। जिसे नांरगी और नीले रंग के बनारसी सिल्क के कपड़ें पर राजस्थानी बंधेज का कार्य किया गया है। चादर शरीफ 6 फिट चैड़ी, 8 फिट लम्बाई और 18 इंच ऊंची है। चादर शरीफ के बीच के हिस्से में उभार के लिए जहां सतह पर फोम का प्रयोग किया गया हैं, वहीं बीच बीच में सुन्दर मोतीयों से इसे सजाया गया। कौनो व बीच में गोटे का कार्य किया गया है। वहीं सुन्दरता के लिए बीच बीच में सफेद फूलों से इसे सजाया गया हैं। इस चादर को लौंगिया निवासी मोहम्मद लियाक़त अली ने तैयार किया है।

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