Dainik Bhaskar : Dec 04, 2019, 12:21 PM
जयपुर | देश-प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों के पीछे हैरान-परेशान करने वाली हकीकत छिपी है। सस्ते स्मार्टफोन और मामूली खर्च पर मिल रहे हाईस्पीड इंटरनेट डेटा के कारण ऐसी वारदातें बढ़ी हैं। आंकड़ों की पड़ताल की तो सामने आया कि 82% डेटा पोर्न वीडियो देखने में खर्च होता है। साइबर एक्सपर्ट राजशेखर राजहरिया बताते हैं कि प्रदेश में 2014 में इंटरनेट यूज 36 लाख जीबी प्रति माह था, जो सस्ते इंटरनेट के कारण 2019 में बढ़कर 8.20 करोड़ जीबी तक पहुंच गया है। हालत यह है कि स्मार्टफोन यूजर हर दिन इंटरनेट पर 1 से 2 जीबी तक खर्च कर रहा है।दुष्कर्म के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014 में दुष्कर्म की 3759 घटनाएं हुई थीं, जो अक्टूबर 2019 तक बढ़कर 5194 पर पहुंच गईं। आंकड़ों के अनुसार भारत पोर्न साइट्स देखने में अमेरिका व इंग्लैंड के बाद तीसरे नंबर पर है। यहां पोर्न देखने वालों में 18 से 24 साल के 44ः व 24 से 35 के 41ः युवा हैं। देश में दुष्कर्म के मामले में यूपी व मप्र के बाद राजस्थान तीसरे नंबर पर है।प्रदेश में 3.10 करोड़ स्मार्ट फोन, 8.20 करोड़ जीबी डेटा खर्चसस्ते इंटरनेट से विकृत हो रही मानसिकतापूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि जबसे मोबाइल इंटरनेट की उपलब्धता बढ़ी है, पोर्न साइट्स देखने का प्रचलन बढ़ा है, मानसिकता विकृत हो रही है। दुष्कर्म मामले बढ़े हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमने फांसी का कानून बनाया था।इंटरनेट हमारी संस्कृति-संस्कारों का सर्वनाश कर रहाबिजली व जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि इंटरनेट हमारी संस्कृति-संस्कारों का सर्वनाश कर रहा है। बच्चों को मोबाइल दिया ही नहीं जाए। केंद्र को इंटरनेट पर गलत सामग्री पर रोक लगानी चाहिए। बिना सेंसर किए इंटरनेट पर कोई सामग्री नहीं आए।मानसिक विकास को रोक देती है पोर्न सामग्रीईएसआई हॉस्पिटल के मनोरोग विभागाध्यक्ष डा. अखिलेश जैन के अनुसार जर्नल जामा साइकाइट्री की स्टडी के अनुसार ज्यादा पोर्न देखने वाले लोगों के दिमाग में ग्रे मेटर की मात्रा कम हो जाती है। यानि पोर्न देखने से आपकी बुद्धि पर असर पड़ता है। मानसिक विकास रुकना तय है।