देश / राजनाथ सिंह के बयान से चीन को लगी मिर्ची, ‘जलन’ में उगल दिया सच

Zee News : Sep 18, 2020, 02:49 PM
 बीजिंग: सीमा विवाद पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) के ‘तीखे’ बयान से चीन (China) को मिर्ची लग गई है। इस ‘जलन’ में चीन के मुंह से वह सच भी निकल आया है, जिसे वह अब तक दबाता आया है। रक्षामंत्री सिंह ने लोकसभा में कहा था कि गलवान घाटी (Galwan Valley Clash) में भारतीय सैनिकों ने चीन को मुंहतोड़ दिया और बड़ी संख्‍या में उसके सैनिकों को मार गिराया।

सिंह के इस बयान पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के संपादक हू शिजिन (Hu Xijin) की प्रतिक्रिया आई है। शिजिन ने कहा है कि लद्दाख हिंसा में भारत से कम चीनी सैनिकों की मौत हुई है। यानी एक तरह से चीन ने यह स्वीकार कर लिया है कि हिंसा में उसके सैनिक मारे गए। अभी तक वह इस बारे में कुछ भी कहने से बचता रहा है। 

भारत से कम था आंकड़ा

राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी हिंसा पर संसद में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि चीन की हर हरकत का भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया है। हिंसा में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मारे गए हैं। सिंह के इस बयान से ग्लोबल टाइम्स के संपादक इतने बौखला गए कि वह सच भी उजागर कर दिया जिसे चीनी सेना और राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब तक छिपाते आ रहे थे। शिजिन ने राजनाथ सिंह के बयान को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए अपनी टिप्पणी लिखी। उन्होंने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में चीनी सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा भारत के 20 जवानों से कम था’।

नई नहीं है बौखलाहट

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने पकड़ा नहीं था, जबकि पीपल्स रिपब्लिकन आर्मी (PLA)ने उस दिन कई भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था। वैसे, ग्लोबल टाइम्स के संपादक की बौखलाहट नई नहीं है। कुछ दिन पहले ही उन्होंने भारत को युद्ध की धमकी दी थी। उन्होंने PLA का एक अभ्यास वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा था कि चीनी सेना भारतीय टैंकों का खात्‍मा करने का अभ्‍यास कर रही है। यदि भारत विदेश मंत्रियों के बीच हुई पांच सूत्री सहमति को लागू नहीं करता है, तो चीनी सेना भारत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

मारे गए थे 40 से ज्यादा चीनी सैनिक

मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था। माना जाता है कि चीन के 40 से अधिक जवान इस हिंसा में मारे गए थे, लेकिन चीन ने कभी यह स्वीकार नहीं किया। उसने इस बारे में खामोशी साधे रखी मगर अब राजनाथ सिंह के बयान से लगी मिर्ची में वह सच बोल गया है। 

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