India-China Standoff / लद्दाख में तनाव के बीच दक्षिण पैंगोंग में टैंकों और सैनिकों को बढ़ा रहा चीन

News18 : Sep 04, 2020, 04:39 PM
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख (Ladakh) में स्थित पैंगोंग सो झील (Pangong Lake) के पास हुई भारत और चीन (India-China Rift) की सेनाओं के बीच झड़प के बाद जिस तरह से भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को खदेड़ा है उसके बाद से चीन सीमा पर अपनी सेना की ताकत और बढ़ाने में जुट गया है। खबर है कि पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी टैंकों और पैदल सैनिकों की संख्या को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। चीन अपनी तोपों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास ही तैनात करने में जुटा हुआ है।

सूत्रों के मुताबिक दक्षिणी पैंगोंग में चीन की सीमा के अंदर सैनिकों की आवाजी बढ़ गई है। चीन की सीमा में आने वाले मोल्डो से कुछ ही दूरी पर अतिरिक्त टैंक दिखाई दिए हैं। हालांकि चीनी सेना की हर हरकत पर भारतीय सैनिक नजर बनाए हुए हैं। बता दें कि थाकुंग से लेकर मुकपुरी के पार तक कई चोटियां हैं। चीन का सैनिक गतिविधि को देखते हुए भारतीय सेना की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। सीमा पर अतिरिक्त बलों को तैयार किया जा रहा है ताकि LAC के ऊंचाइयों वाले इलाके में उसकी मौजूदी और मजबूत हो सके।

बता दें कि गलवान घाटी की घटना के बाद लिपुलेख और मिलम बॉर्डर पर भारी संख्या में सेना और आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की गई है। मिलम और लिपुलेख बॉर्डर के चप्पे-चप्पे पर सेना और आईटीबीपी के जवान 24 घंटे निगाह जमाए हुए हैं। ये दोनों बॉर्डर इलाके 15 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर मौजूद हैं। लिपुलेख बॉर्डर तक तो बीआरओ ने सड़क बना दी है, लेकिन मिलम तक अभी भी रास्ता पैदल होने के साथ काफी कठिन भी है। सामरिक नजरिए से महत्वपूर्ण बॉर्डर पर लड़ाकू विमानों की मदद से हवाई निगरानी भी रखी जा रही।

भारत की कार्रवाई से बौखलाया है चीन 

29-30 अगस्त की रात को हुई जवाबी कार्रवाई से चीन बौखलाया हुआ है। कहा जा रहा है कि सरकार ने सेना को एक्शन लेने के लिए खुली छूट दे दी है। पिछले करीब चार महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव लगातार बरकरार है। ऐसे में सेना ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पहले हमारी सेना आगे बढ़ कर दुश्मनों पर पहला हमला नहीं करती थी। लेकिन अब कहा जा रहा है कि चीन की हरकतों को देखते हुए नो फर्स्ट मूव की नीति को बदल दिया गया है। चीन पूर्वी लद्दाख में उल्टे भारत पर समझौतों के उल्लंघन करने का आरोप मढ़ने लगा है।

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