CHINESE APPS / ऐप्स बैन होने से चीनी सरकार को होगा अरबों का घाटा, यहां जानिए अंदर की बात

Zee News : Jun 30, 2020, 01:35 PM
नई दिल्ली: देश में 59 चीनी ऐप्स बंद हो गए हैं। गूगल ऐप स्टोर (Google App Store) से लेकर एप्पल स्टोर (Apple Store) तक से ये ऐप्स डाउनलोड नहीं किए जा सकते। लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से इन इंटरनेट कंपनियों को कम और चीनी सरकार को नुकसान ज्यादा होने वाला है। चीन द्वारा तैयार हो रहे एक बड़े प्रोजेक्ट को अरबों डॉलर का घाटा हो सकता है।

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चीनी आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को भारी नुकसान

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना है कि चीन 2030 तक दुनिया का सबसे एडवांस आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) तैयार कर रहा है। देश में मौजूद चीनी ऐप्स से मिलने वाले डेटा (Data) से ही इनकी सबसे उन्नत तकनीक (Advance Techlonogy) तैयार करने का काम चल रहा है। अगर भारत से इकट्ठा किए जा रहे डेटा का प्रवाह तोड़ दिया जाए तो इनके आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट का काम बुरी तरह प्रभावित होगा। इस प्रोजेक्ट से चीनी सरकार अरबों डॉलर कमाने का सपना संजोए बैठी है। भारत के नए फैसले से इस भारी-भरकम बजट वाले प्रोजेक्ट की हवा निकल सकती है।

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आखिर क्यों चीनी ऐप्स देश में उड़ाती है इतना पैसा

मामले से जुड़े एक अन्य जानकार बताते हैं कि चीनी ऐप्स जैसे TikTok, Helo, UC News और Likee आम लोगों को मुफ्त में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दिखने में तो ये सिर्फ डांस, फोटो शेयरिंग, एक्टिंग और मनोरंजन वाले ऐप्स दिखते हैं। लेकिन वास्तव में ये ऐप्स हर यूजर के फोन से एक-एक हरकत को रिकॉर्ड करते हैं। मसलन, मोबाइल में बातचीत, टाइपिंग, वीडियो और लोकेशन सब कुछ इन ऐप्स के जरिए रिकॉर्ड किए जाते हैं। इसी डेटा को चीन के महा प्रोजेक्ट आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में डाला जाता है ताकि इसे सबसे एडवांस बनाया जा सके। यही वजह है कि ये ऐप्स वीडियो बनाने के लिए यूजर्स को हजारो-लाखो रुपये तक देते हैं।

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बताते चलें कि इन दिनों अमेरिका, भारत, यूरोप और चीन समेत दुनिया के तमाम बड़े देश आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के प्रोजेक्ट में लगे हैं। Google, Facebook, Alibaba, Facebook, Tencent, और Baidu जैसी कंपनियां सबसे उन्नत आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तैयार करने में लगी हुई हैं। अगर ये तैयार हो जाए तो तमाम कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए शोध, सर्वे या डेटा लेने के जरूरत ही नहीं पड़ेगी। लोगों की पसंद नापसंद के हिसाब से ये इंटरनेट कंपनियां सीधा उन ग्राहकों तक पहुंच पाएगी जो उत्पाद खरीदने के इच्छुक होंगे। किसी नए बिजनेस प्लान के लिए भी आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से सटीक जानकारी कहीं नहीं मिल सकती।

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