Special Intensive Revision / चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: 8 राज्यों में विशेष रोल पर्यवेक्षक नियुक्त, मतदाता सूची में पारदर्शिता सुनिश्चित

चुनाव आयोग ने 8 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (SIR) के लिए विशेष रोल पर्यवेक्षकों (SRO) की नियुक्ति की है। ये पर्यवेक्षक फरवरी 2026 तक अंतिम सूची प्रकाशन तक सप्ताह में दो दिन उपस्थित रहेंगे, राजनीतिक दलों और चुनाव अधिकारियों से मिलेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति शामिल न हो।

चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में 8 प्रमुख राज्यों। में विशेष रोल पर्यवेक्षकों (SRO) की नियुक्ति की घोषणा की है। यह फैसला मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, जो वर्तमान में 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है और इस पहल का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे और साथ ही कोई भी अपात्र व्यक्ति इसमें शामिल न हो पाए।

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया

भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश के 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया जा रहा है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप शामिल हैं। यह प्रक्रिया मतदाता सूचियों को अद्यतन करने और उनमें मौजूद किसी भी त्रुटि को दूर करने के लिए एक व्यापक अभ्यास है और इसका उद्देश्य एक सटीक और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार करना है जो आगामी चुनावों के लिए आधार का काम करेगी।

विशेष रोल पर्यवेक्षकों (SRO) की नियुक्ति

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे प्रमुख राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की निगरानी के लिए विशेष रोल पर्यवेक्षकों (एसआरओ) की नियुक्ति की है। इन एसआरओ का मुख्य कार्य एसआईआर प्रक्रिया का गहन अवलोकन करना और। यह सुनिश्चित करना है कि यह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। उनकी नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि आयोग मतदाता सूचियों की अखंडता को बनाए रखने के लिए कितना प्रतिबद्ध है।

SRO का विस्तृत कार्य और उपस्थिति

नियुक्त किए गए एसआरओ ने अपना काम शुरू कर दिया है और उनसे फरवरी 2026 में अंतिम मतदाता सूचियों के प्रकाशन तक इन राज्यों में सप्ताह में दो दिन उपस्थित रहने की उम्मीद है। उनकी नियमित उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि वे प्रक्रिया के हर चरण की बारीकी से निगरानी कर सकें और यह निरंतर निगरानी किसी भी संभावित अनियमितता को रोकने और समय पर सुधारात्मक कार्रवाई करने में सहायक होगी। एसआरओ की यह प्रतिबद्धता मतदाता सूचियों की सटीकता और विश्वसनीयता को बढ़ाएगी।

राजनीतिक दलों के साथ संवाद

एसआरओ सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय नेतृत्व के साथ बैठकें करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य राजनीतिक दलों को एसआईआर प्रक्रिया में। शामिल करना और उनकी चिंताओं या सुझावों को सुनना है। राजनीतिक दलों की भागीदारी से प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा और यह सुनिश्चित होगा कि सभी हितधारकों की आवाज सुनी जाए और यह सहभागिता मतदाता सूची को अधिक समावेशी और स्वीकार्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

चुनाव अधिकारियों के साथ समन्वय

इसके अतिरिक्त, एसआरओ राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) और मतदाता सूची आयुक्तों के साथ व्यक्तिगत रूप से या आभासी रूप से बैठकों में भाग लेंगे। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पूरी प्रक्रिया सुचारू, पारदर्शी और सहभागी तरीके से पूरी हो। सीईओ और मतदाता सूची आयुक्तों के साथ सीधा संवाद एसआरओ को जमीनी स्तर की चुनौतियों को समझने और उनके समाधान में मदद करेगा। यह समन्वय प्रक्रिया की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाएगा।

मुख्य उद्देश्य: शुद्ध और समावेशी मतदाता सूची

एसआरओ का सबसे महत्वपूर्ण कार्य एसआईआर की प्रक्रिया का निरीक्षण करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो जाए। यह दोहरी जिम्मेदारी मतदाता सूची की शुद्धता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक सटीक मतदाता सूची स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की नींव होती है, और एसआरओ की भूमिका इस नींव को मजबूत करने में केंद्रीय है। उनकी कड़ी निगरानी से मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की हेराफेरी या त्रुटि की संभावना कम हो जाएगी।

फरवरी 2026 तक की समय-सीमा

एसआरओ की नियुक्ति और उनकी सक्रिय भागीदारी फरवरी 2026 में अंतिम मतदाता सूचियों के प्रकाशन तक जारी रहेगी। यह लंबी समय-सीमा आयोग की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह एक त्रुटिरहित और। अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन समर्पित कर रहा है। अंतिम सूची के प्रकाशन तक एसआरओ की उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि सभी चरणों में उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए और अंतिम परिणाम विश्वसनीय हो।