चूरू सांसद राहुल कस्वां के नेतृत्व में किसानों के हितों की मांगों को लेकर जयपुर की ओर बढ़ रहे ट्रैक्टर एकता मार्च को पुलिस ने रतनपुरा गांव के पास रोक दिया। सोमवार सुबह राजगढ़ से शुरू हुआ यह मार्च लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय कर रतनपुरा गांव पहुंचा, जहां हाईवे पर पुलिस ने नाकेबंदी कर रखी थी। पुलिस ने सड़क पर अपनी गाड़ियां और वज्र वाहन तिरछे लगाकर किसानों को आगे बढ़ने से रोका। इस कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने 100 से अधिक ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया और लगभग 15 से 20 किसानों को हिरासत में ले लिया, जिससे मौके पर तनाव की स्थिति बन गई।
सांसद और नेताओं का धरना
ट्रैक्टर मार्च रोके जाने और किसानों को हिरासत में लिए जाने के बाद, सांसद राहुल कस्वां ने किसानों के साथ मिलकर सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने मौके पर जिला कलेक्टर को बुलाकर बातचीत करने की मांग की। इस धरने में सांसद कस्वां के साथ तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, रतनगढ़ विधायक पुसाराम गोदारा, सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल, नोहर विधायक अमित चाचान, कांग्रेस जिला अध्यक्ष इंद्राराज खींचड़, पूर्व विधायक कृष्णा पूनियां और रफीक मंडेलिया सहित कई प्रमुख नेता भी शामिल हुए। इन सभी नेताओं ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए पुलिस कार्रवाई का विरोध किया।
कलेक्टर-एसपी से वार्ता और सहमति
दोपहर करीब 2 बजे, जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा और पुलिस अधीक्षक (एसपी) जय यादव धरना स्थल रतनपुरा गांव पहुंचे और उन्होंने सांसद राहुल कस्वां और अन्य नेताओं से बातचीत शुरू की। दो दौर की लंबी वार्ता के बाद, एक सहमति बनी। इस सहमति के अनुसार, सांसद राहुल कस्वां सहित 30 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में 21 किसान और 9 कांग्रेस जनप्रतिनिधि शामिल होंगे, जो किसानों की विभिन्न समस्याओं और 500 करोड़ रुपये के फसल बीमा क्लेम सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से सीधे बातचीत करेंगे। इसके अतिरिक्त, जयपुर में कृषि अधिकारी, बीमा कंपनी अधिकारी और संबंधित मंत्री से भी इस प्रतिनिधिमंडल की बातचीत कराने का आश्वासन दिया गया। इस सहमति के बाद, सांसद कस्वां ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
पुलिस की व्यापक नाकेबंदी
ट्रैक्टर एकता मार्च को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की थीं। राष्ट्रीय राजमार्ग NH-52 पर होटल झंकार और होटल सनवे के पास सुबह से ही नाकेबंदी कर दी गई थी। किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ इन स्थानों पर पहुंचने लगे। थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस ने इन स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था ताकि मार्च को जयपुर की ओर बढ़ने से रोका जा सके। इस नाकेबंदी के कारण कई घंटों तक यातायात भी प्रभावित रहा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
किसानों के धरना स्थल और हाईवे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और राजगढ़, दूधवाखारा और चूरू थाने की पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। स्थिति को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के। लिए हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर से भी पुलिस जाब्ता मौके पर बुलाया गया था। पुलिस की भारी मौजूदगी ने यह सुनिश्चित किया कि स्थिति नियंत्रण में रहे और कोई बड़ा टकराव न हो।
सरकार पर आरोप
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष रफीक मंडेलिया ने इस घटनाक्रम पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। मंडेलिया ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उनके ट्रैक्टरों को पहले ही जब्त कर लिया, जो किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास है। उन्होंने सरकार से किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया।