COVID-19 Update / कोरोना का डेल्टा वेरिएंट खतरनाक, अस्पताल में भर्ती होने का खतरा दोगुना: स्टडी

Zoom News : Jun 15, 2021, 10:45 AM
Delhi: कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट बहुत ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। भारत में मची तबाही के पीछे इस वेरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। अब स्कॉटलैंड की एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन में फैले पहले वेरिएंट की तुलना में डेल्टा वेरिएंट से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा दोगुना बढ़ गया है।

स्टडी में ये भी कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज इस वेरिएंट के खिलाफ मजबूत सुरक्षा देती है। स्टडी में कहा गया है कि शुरुआती साक्ष्य से पता चलता है कि सबसे पहले भारत में पाए गए डेल्टा वेरिएंट पर वैक्सीन, अल्फा वेरिएंट की तुलना में कम प्रभावी है। अल्फा वेरिएंट सबसे पहले इंग्लैंड के केंट में पाया गया था।

डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ने के बाद, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन COVID-19 प्रतिबंधों को कुछ और दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है। अल्फा की तुलना में डेल्टा वेरिएंट बहुत ज्यादा संक्रामक है।

द लैंसेट पत्रिका में छपी ये स्टडी स्कॉटलैंड में 54 लाख लोगों पर की गई है। स्टडी के अनुसार 19,543 लोगों में कम्यूनिटी केस थे जबकि 377 लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। इसमें से  7,723 और 134 अस्पताल में भर्ती होने वाले मामले डेल्टा वेरिएंट के थे।

यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैथक्लाइड में पब्लिक हेल्थ एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर क्रिस रॉबर्टसन ने कहा कि उम्र और कोमोरबिडिटी के अलावा भी डेल्टा वेरिएंट से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम लगभग दोगुना है, लेकिन वैक्सीन इस खतरे को कम करता है।

प्रोफेसर रॉबर्टसन ने कहा, 'अगर आप टेस्ट में पॉजिटिव आते हैं तो वैक्सीन की दोनों डोज या 28 दिनों में ली गई एक डोज अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 70% फीसद तक कम करती है।

दूसरी डोज के दो सप्ताह बाद, फाइजर बायोएनटेक की वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट पर 79% कारगर पाई गई है जबकि अल्फा वेरिएंट पर ये 92% तक असरदार है। वहीं ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन अल्फा पर 73% और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 60% सुरक्षा देती है।

शोधकर्ताओं ने आबादी, वैक्सीन शॉट लेने वाले के अंतर और किसमें किस शॉट के बाद कितनी जल्दी इम्यूनिटी बनती है, इसको ध्यान में रखते हुए वैक्सीन के डेटा की तुलना में सावधानी बरतने को कहा है। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ एक डोज की तुलना में वैक्सीन की दोनों डोज बेहतर सुरक्षा देती है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में लॉकडाउन बढ़ाने से लोगों को दूसरी डोज लेने और इम्यून रिस्पॉन्स बनाने में मदद मिलेगी।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER