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- 03-Sep-2025 03:00 PM IST
- (, अपडेटेड 03-Sep-2025 03:00 PM IST)
Yamuna flood in Delhi: दिल्ली की पहचान यमुना नदी है। इसकी शांत लहरें सुकून देती हैं, लेकिन जब यह उफान पर आती है, तो सब कुछ तहस-नहस कर देती है। इन दिनों यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया है। नदी का जलस्तर 206.93 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के यमुना के आसपास बसे इलाकों में पानी भर गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
बस्तियों में भयावह दृश्य
बुधवार को दिल्ली में यमुना के किनारे बसी कॉलोनियों—मयूर विहार, जैतपुर पुश्ता, श्याम घाट और यमुना बाजार—का दृश्य बेहद भयावह था। नोएडा के मंगरौली, याकूतपुर और झट्ट गांव भी इससे अछूते नहीं रहे। चारों ओर बाढ़ का मटमैला पानी फैला हुआ था, जिसमें खाटें और घरेलू सामान तैर रहे थे। लोग घुटनों तक गहरे पानी में से गुजर रहे थे, जबकि कई घरों में पानी बेड के नीचे तक पहुंच चुका था। लोग सिर पर जरूरी सामान रखकर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे थे।
किसानों की बर्बादी
बाढ़ का सबसे गहरा असर किसानों पर पड़ा है। मदनपुर खादर जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसान रामशंकर ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया, "मेरे चाचा ने फसल उगाने के लिए दिन-रात मेहनत की थी, लेकिन सब कुछ पानी में बह गया।" उन्होंने कहा कि जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है, जिससे उनके खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।
इसी तरह, एक अन्य किसान विकास ने बताया कि उनकी आजीविका पूरी तरह खेती पर निर्भर है, लेकिन आधे से ज्यादा खेत पानी में डूब गए हैं। बाढ़ ने न केवल फसलों और खेतों को, बल्कि लोगों के घरों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कई परिवारों को अपना आशियाना छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ा है।
झोपड़ियों का डूबना
मदनपुर खादर के एक निवासी ने बताया कि खेतों के साथ-साथ उनकी झोपड़ियां भी पानी में डूब गई हैं। उन्होंने शिकायत की कि पुलिस उन्हें वहां से हटने के लिए कह रही है, लेकिन उनके लिए रहने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। यमुना पार के इलाकों में रात भर हुई बारिश के कारण घरों में पानी भर गया, जिससे फर्नीचर भीग गया और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
रिहायशी इलाकों में जलभराव
आईएसबीटी के पास मॉनस्ट्री मार्केट और आसपास के रिहायशी इलाकों में भी पानी भर गया है। मॉनस्ट्री का लद्दाख बुद्ध विहार मंदिर भी जलमग्न हो चुका है। यमुना बाजार में लगभग 10 फुट तक पानी भर गया है, जबकि निगम बोध घाट जैसे अन्य इलाके भी प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन का प्रयास
प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाने शुरू किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज और अन्य बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई है। नावों के जरिए घोषणाएं की जा रही हैं, जिसमें नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया जा रहा है।
