- भारत,
- 18-Jul-2025 07:20 AM IST
- (, अपडेटेड 18-Jul-2025 02:11 PM IST)
पुरी ने बताया कि भारत कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए विभिन्न देशों से संपर्क कर रहा है और तेल आपूर्ति के नए स्रोत जुड़ने से कीमतों में नरमी आ सकती है। उन्होंने कहा, “हमारे पास पर्याप्त मात्रा में तेल मौजूद है और हम ऊर्जा सुरक्षा को लेकर सजग हैं। इसके लिए हम अधिक से अधिक देशों से तेल खरीदने की नीति पर काम कर रहे हैं।”
कच्चे तेल का आयात अब 40 देशों से
भारत ने अपने आयात नेटवर्क का दायरा बढ़ा लिया है। पहले जहां भारत 27 देशों से तेल मंगाता था, अब यह संख्या बढ़कर 40 हो चुकी है। मंत्री के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में भारत की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। बाजार की 16% ग्रोथ भारत से आई है और कुछ रिपोर्टों के मुताबिक यह 25% तक पहुंच सकती है।
रूस से सप्लाई रुकी तो संकट गहराएगा
रूस से तेल आयात को लेकर अमेरिका द्वारा लगाए जा सकने वाले सेकेंडरी सैंक्शंस पर पुरी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रूस विश्व का लगभग 10% कच्चा तेल उत्पादन करता है। यदि रूस की आपूर्ति बाधित होती है तो वैश्विक स्तर पर कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं।
पुरी ने यह भी बताया कि रूस से कच्चा तेल आयात जारी रखने से वैश्विक ऊर्जा कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। तुर्की, चीन, ब्राज़ील और यूरोपियन यूनियन जैसे देश भी रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि ऊर्जा सुरक्षा आज वैश्विक प्राथमिकता बन गई है।
क्या जनता को जल्द मिलेगी राहत?
इन सभी बयानों और प्रयासों से साफ है कि भारत सरकार सस्ते ईंधन की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। यदि वैश्विक परिस्थितियाँ अनुकूल रहीं, तो जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती देखने को मिल सकती है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।
