देश / सीडीएस ने वायु सेना को बताया 'सहायक इकाई'; एयर चीफ ने जताई असहमति

Zoom News : Jul 03, 2021, 05:33 PM
नई दिल्ली: सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच समन्वय बढ़ाने के लिये एकीकृत संयुक्त सैन्य कमान के गठन की तैयारी चल रही है। तीनों सेनाओं के संयुक्त कमान थिएटर कमांड या एकीकृत कमांड जिसको लेकर पहले से ही वायुसेना को कुछ आपत्ति है। कल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने एयरफोर्स को लेकर जो बात कही उससे मतभेद सामने आ गए हैं। CDS बिपिन रावत ने इंडियन एयर फोर्स को सपोर्ट आर्म ऑफ आर्मी बताया।

CDS बिपिन रावत ने इंडियन एयरफोर्स को थल सेना की सहायक इकाई बताया। जनरल रावत ने बातचीत में कहा कि इंडियन एयरफोर्स को एकल वायु रक्षा कमान को लेकर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। ग्राउंड पर मौजूद सुरक्षा बलों को वायु सेना से सपोर्ट देने की अपेक्षा की जाती है। वायुसेना ग्राउंड पर सपोर्टिंग आर्म रहेगी उनके पास एक चार्टर है जो ऑपरेशन के वक्त ग्राउंड फोर्स को सपोर्ट करता है।

वहीं दूसरी ओर वायु सेना चीफ राकेश भदौरिया ने सीडीएस बिपिन रावत के बयान को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इंडियन एयरफोर्स इंडियन आर्मी की सपोर्ट आर्म नहीं है। इंडियन एयरफोर्स ग्राउंड फोर्सेज से पहले जाकर किसी भी प्रकार के खतरे को कम करती है। एयर फोर्स ग्राउंड को सपोर्ट नहीं करती बल्कि फोर्सेज की अगुवाई करती है।

इससे पहले थिएटर कमांड को लेकर खबर सामने आई कि एयर फोर्स को इसको लेकर कुछ आपत्ति है। पहली बार सार्वजिनक तौर पर इंडियन एयरफोर्स चीफ राकेश भदौरिया ने कहा कि वो सपोर्ट आर्म नहीं है। इससे थिएटर कमांड को लेकर मतभेद और बढ़ गया है। पिछले दिनों CDS जनरल बिपिन रावत ने थियेटर कमांड के गठन को लेकर मतभेद दूर करने के लिए तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की थी।

जनरल रावत सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच समन्वय और बढ़ाने के लिये कम से कम चार थियेटर कमांड स्थापित करने को लेकर काम कर रहे हैं। जनरल रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान विस्तृत अध्ययनों के आधार पर कमांड के गठन से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में गृह और वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए।

थिएटर कमांड में सेना, वायुसेना और नौसेना की इकाई होंगी और ये सभी विशेष भौगौलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए एक संचालन कमांडर के तहत एक साथ काम करेंगी। फिलहाल सेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं।

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