Tejas Crash In Dubai / दुबई एयर शो 2025: भारत के तेजस विमान का दुखद क्रैश, पायलट की मौत

दुबई एयर शो 2025 में भारत के स्वदेशी तेजस विमान का प्रदर्शन के दौरान दुखद क्रैश हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई। यह घटना शो के आखिरी दिन हुई, जहां 100 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया और भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी दुबई में दुनिया के सबसे बड़े द्विवार्षिक विमानन और एयरोस्पेस प्रदर्शनी मेले, दुबई एयर शो 2025 का आयोजन किया गया और यह शो 17 से 21 नवंबर तक दुबई वर्ल्ड सेंट्रल (डीडब्ल्यूसी) के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के संरक्षण में चला। इस भव्य आयोजन में दुनिया भर के 100 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया, जिसमें 1,500 से अधिक प्रदर्शक, 148,000 से ज्यादा ट्रेड विजिटर्स और 490 सैन्य और सिविल प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। हालांकि, इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के लिए एक दुखद घटना घटी, जब देश का गौरव, स्वदेशी तेजस विमान एक प्रदर्शन उड़ान के दौरान क्रैश हो गया, जिसमें पायलट की जान चली गई।

दुबई एयर शो का इतिहास और महत्व

यह शो 1986 में 'अरब एयर' के रूप में एक छोटे सिविल एविएशन ट्रेड शो के तौर पर शुरू हुआ था और आज यह वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग का एक प्रमुख मंच बन चुका है, जो सिविल एविएशन, डिफेंस, अनमैन्ड सिस्टम्स, सस्टेनेबल एविएशन और फ्यूचर टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है। 2025 के लिए शो की थीम 'द फ्यूचर इज हियर' रखी गई थी, जो नवाचार और स्थिरता पर विशेष जोर देती है। यह मेला न केवल व्यापारिक सौदों का केंद्र है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग और तकनीकी आदान-प्रदान का भी एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। इस साल, एयरबस, बोइंग, लॉकहीड मार्टिन जैसे दिग्गजों ने नवीनतम जेट्स, ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और फ्लाइंग टैक्सी जैसी अत्याधुनिक तकनीकें प्रदर्शित कीं। प्रमुख आकर्षणों में F-35 लाइटनिंग II, Su-57 सुखोई, A380 और। A400M जैसे विमान शामिल थे, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भारत की मजबूत उपस्थिति और प्रदर्शन

दुबई एयर शो 2025 में भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपनी क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया। भारत के स्वनिर्मित तेजस (LCA तेजस Mk-1) के अलावा, हॉक Mk-132 जेट्स से सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने आसमान में तिरंगे के रंग बिखेरे। उनके लो-लेवल स्टंट्स और सटीक फॉर्मेशन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सरंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम ने ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) के जरिये एरोबैटिक शो। किया, जो IAF के लिए सर्च-एंड-रिस्क्यू, ट्रांसपोर्ट और कॉम्बैट रोल्स में बहुमुखी प्रतिभा दिखाते हैं। भारतीय वायुसेना का 180 सदस्यीय दल इस शो में शामिल हुआ, जिसमें सपोर्ट स्टाफ और हेलीकॉप्टर्स को C-17 ग्लोबमास्टर और C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों से दुबई पहुंचाया गया। C-17 ग्लोबमास्टर III भारतीय वायुसेना का प्रमुख स्ट्रैटेजिक एयरलिफ्ट विमान है, जबकि C-130J सुपर हरक्यूलिस मल्टी-रोल टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट विमान है, जो विशेष अभियानों और लॉजिस्टिक्स के लिए जाना जाता है।

'मेक इन इंडिया' पहल का प्रदर्शन

यह शो भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के नेतृत्व में 15 भारतीय स्टार्टअप्स ने भी ड्रोन और एवियोनिक्स उत्पाद दिखाए और स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल, जो जमीन, समुद्र और हवा से दागी जा सकती है, ने अपनी ताकत दोहराई। फिलीपींस को ब्रह्मोस के सफल निर्यात के बाद, वियतनाम, इंडोनेशिया और खाड़ी देशों से भी सौदों की उम्मीदें बढ़ी हैं। भारत का लक्ष्य दशक के अंत तक अपने रक्षा निर्यात को दोगुना करना है, और दुबई एयर शो ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सही मंच प्रदान किया और भारतीय वायुसेना के विमानों और उपकरणों ने वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन किया।

तेजस विमान का दुखद क्रैश

हालांकि, शो का अंत एक दुखद हादसे से हुआ। 21 नवंबर को दोपहर करीब 2:10 बजे (स्थानीय समय) दुबई एयर शो के आखिरी दिन। एक डेमो फ्लाइट के दौरान भारतीय वायुसेना का एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस क्रैश हो गया। इस हादसे में विमान के पायलट की दुखद मौत हो गई और क्रैश के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें विमान उड़ान भरते ही नियंत्रण खो बैठा और एयरपोर्ट के पास क्रैश के बाद धुआं और आग की लपटें दिखाई दीं। भारतीय वायुसेना ने हादसे की पुष्टि करते हुए जांच शुरू कर दी है। यह तेजस का दूसरा हादसा है, और यह भारत की निर्यात महत्वाकांक्षाओं पर सवाल खड़े कर रहा है।

तेजस की क्षमताएं और भविष्य की चुनौतियां

तेजस, हिंदुस्तान एरोनॉटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित भारत का गौरव है, जो 'मेक इन इंडिया' का प्रतीक है। क्रैश होने से पहले, तेजस ने चार दिनों में शानदार प्रदर्शन किया था। इसके एडवांस्ड रडार, मिसाइल इंटीग्रेशन और मैन्यूवरेबिलिटी ने वैश्विक खरीदारों को आकर्षित किया था और ब्रह्मोस से लैस तेजस ने लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता दिखाई, जो निर्यात के लिए तैयार है। नासिक में पिछले महीने मार्क-1ए वर्जन की पहली फ्लाइट हुई थी, और भारतीय वायुसेना ने 180 यूनिट्स का ऑर्डर दिया है। यह हादसा, हालांकि दुखद है, भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करता है कि वह अपने उत्पादों की। विश्वसनीयता और सुरक्षा को और मजबूत करे, खासकर जब वह वैश्विक बाजार में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा हो। इस घटना के बावजूद, दुबई एयर शो ने भारत को अपनी रक्षा कूटनीति और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।