दुबई एयर शो में हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित तेजस लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त। होने के बाद सोमवार को शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। इस दुखद घटना के कारण HAL के शेयर लगभग 9% तक टूट गए, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बन गया। यह हादसा न केवल कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर असर डाल रहा है, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रहा है और इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी की जान चली गई, जिससे यह घटना और भी गंभीर हो गई है।
दुबई एयर शो में हुई दुर्घटना
तेजस लड़ाकू विमान शुक्रवार दोपहर को दुबई एयर शो में बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों के सामने युद्धाभ्यास करते हुए हादसे का शिकार हो गया। घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें तेजस का सिंगल-सीट वाला हल्का लड़ाकू विमान (LCA) जमीन पर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है और तुरंत ही आग की लपटें उठने लगीं। वीडियो में दुबई वर्ल्ड सेंट्रल स्थित अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ऊपर काले धुएं का गुबार उठता स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस भयावह दृश्य के बाद सायरन बजने लगे, जिससे सभी का ध्यान इस ओर गया और भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर दुर्घटना में पायलट की मौत की पुष्टि की और जान-माल के इस नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया। वायुसेना ने शहीद पायलट के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित करने की भी बात कही है और यह घटना एक वैश्विक मंच पर हुई, जिसने इसकी गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
HAL के शेयरों पर तत्काल प्रभाव
दुबई में हुई इस दुर्घटना का सीधा असर सोमवार को शेयर बाजार में HAL के शेयरों पर पड़ा और कंपनी के शेयरों में बिकवाली की ऐसी तगड़ी आंधी आई कि यह इंट्रा-डे में 8. 48% टूटकर ₹4205. 25 तक आ गया। हालांकि, निचले स्तर पर खरीदारी से शेयरों ने संभलने की कोशिश जरूर. की, लेकिन फिर भी यह काफी दबाव में रहे और बीएसई पर 3. 55% की गिरावट के साथ ₹4431 और 85 पर बंद हुए। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब HAL के शेयरों ने हाल ही में शानदार प्रदर्शन किया था। 3 मार्च 2025 को एक साल के निचले स्तर ₹3045 और 95 पर पहुंचने के बाद, यह केवल दो महीनों में लगभग 70% उछलकर 16 मई 2025 को ₹5166. 00 पर पहुंच गया था। बोनांजा के रिसर्च एनालिस्ट अभिनव तिवारी का कहना है कि जब-जब HAL के जहाज हादसे का शिकार हुए हैं, जैसे कि इससे पहले मार्च 2024 और फरवरी 2019 में, इसके शेयरों को झटका लगा है और यह पैटर्न एक बार फिर देखने को मिला है।
विशेषज्ञों का विश्लेषण: अल्पकालिक अस्थिरता
तेजस को ऐरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने डेवलप किया है और HAL तथा भारतीय वायुसेना ने मिलकर बनाया है। अभिनव तिवारी का मानना है कि HAL के शेयरों की स्थिति तभी सुधर सकती है, जब कंपनी यह पुष्टि कर दे कि दुबई में हुआ हादसा कोई बड़ा तकनीकी इश्यू नहीं है और यदि कंपनी इस बात को स्पष्ट कर पाती है कि यह दुर्घटना किसी व्यापक तकनीकी खामी का परिणाम नहीं थी, तो निवेशकों का विश्वास बहाल हो सकता है। इसके अलावा, उनका मानना है कि अगर आगे की डिलीवरी और निर्यात से जुड़ी योजनाओं पर इस हादसे का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है, तो HAL का शेयर धीरे-धीरे रिकवर हो सकता है। यह दर्शाता है कि बाजार की नजर कंपनी के आधिकारिक बयान और भविष्य की व्यावसायिक योजनाओं पर टिकी है।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण: खरीदारी का अवसर?
विभावंगल अनुकूलकारा के फाउंडर और एमडी सिद्धार्थ मौर्य का कहना है कि दुबई एयर शो में तेजस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से HAL के शेयरों पर अल्पकालिक दबाव दिख सकता है, लेकिन दीर्घकालिक मूल्यांकन पर इसका अधिक असर नहीं पड़ेगा। उनका तर्क है कि जब तक कोई संरचनात्मक खामी (structural flaw) सामने नहीं आती है, इस प्रकार की घटनाओं से लॉन्ग टर्म के वैल्यूएशन पर अधिक असर नहीं दिखता है। HAL के पास अभी भी एक मजबूत ऑर्डर बुक है, जिसमें तेजस के बड़े ऑर्डर शामिल हैं, जो कंपनी की वित्तीय स्थिरता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। मौर्य का मानना है कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रहती है और कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं पाई जाती है, तो मौजूदा गिरावट दीर्घकालिक निवेशकों के लिए खरीदारी का एक अच्छा अवसर प्रदान कर सकती है। यह दृष्टिकोण कंपनी के मजबूत बुनियादी सिद्धांतों और भविष्य की विकास क्षमता पर आधारित है।
वैश्विक विश्वसनीयता और बढ़ी हुई निगरानी
INVasset PMS के हर्षल दासानी का कहना है कि वैश्विक मंच पर तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने से स्वाभाविक रूप से इसकी विश्वसनीयता, निर्यात तैयारी और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। उनका कहना है कि सरकार ने पहले तेल रिसाव से जुड़ी चिंताओं को खारिज किया था, लेकिन दुबई में हुए हादसे से HAL पर निगरानी बढ़ जाएगी। यह घटना भारतीय रक्षा उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्वीकार्यता और छवि को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, शेयरों को लेकर उनका कहना है कि लॉन्ग टर्म में अधिक असर। नहीं दिखेगा, लेकिन उच्च मूल्यांकन के चलते शॉर्ट टर्म में दबाव दिख सकता है। दासानी का मानना है कि अब फिलहाल सब कुछ जांच के नतीजे और तकनीकी स्तर पर स्पष्टता को लेकर कंपनी की गति पर निर्भर करेगा और hAL को जल्द से जल्द दुर्घटना के कारणों पर स्पष्टीकरण देना होगा ताकि निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों का विश्वास बना रहे। यह घटना HAL के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जिसे उसे अपनी तकनीकी क्षमता और पारदर्शिता के साथ पार करना होगा।
कुल मिलाकर, दुबई एयर शो में तेजस विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना HAL के लिए एक गंभीर झटका है, जिसने न केवल एक भारतीय वायुसेना अधिकारी की जान ली, बल्कि कंपनी के शेयरों को भी भारी नुकसान पहुंचाया। हालांकि, विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है, कुछ अल्पकालिक दबाव की बात कर रहे हैं जबकि अन्य इसे दीर्घकालिक निवेश के अवसर के रूप में देख रहे हैं। भविष्य की दिशा कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के परिणामों और HAL द्वारा प्रदान की जाने वाली तकनीकी स्पष्टता पर निर्भर करेगी।