दुबई एयर शो, जो 1986 से हर दो साल में आयोजित होता है, विश्व के सबसे बड़े विमानन मेलों में से एक है। यह शो दुनिया भर की प्रमुख विमानन कंपनियों को एक मंच प्रदान करता है, जहाँ वे अपने उन्नत जेट्स, ड्रोन और एरोबैटिक्स का प्रदर्शन करते हैं। दुबई के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लाखों दर्शकों के बीच होने वाले इन प्रदर्शनों में विमानन उद्योग की चमक और तकनीकी प्रगति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। हालांकि, इस भव्यता के पीछे कुछ दुर्लभ, लेकिन गंभीर दुर्घटनाओं का साया भी रहा है, जो इस आयोजन के जोखिम भरे पहलू को उजागर करता है।
पाकिस्तान का J-10C जेट: पहला घातक हादसा
2025 के दुबई एयर शो संस्करण में भारतीय वायुसेना के स्वदेशी तेजस फाइटर जेट के क्रैश। ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि एयर शो में जोखिम हमेशा बरकरार रहता है। यह दुबई एयर शो के 39 वर्षों के इतिहास में भारत का पहला विमान हादसा था और भारतीय वायुसेना ने इस घटना की तत्काल जांच शुरू कर दी है, और प्रारंभिक रिपोर्टों में इस दुर्घटना का संबंध 'निगेटिव जी-फोर्स' से होने की संभावना जताई जा रही है। यह घटना वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है, जो तकनीकी उन्नति के साथ-साथ सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल देती है।
दुबई एयर शो के इतिहास में सबसे चर्चित और पहला घातक हादसा 2019 में हुआ था, जब पाकिस्तान एयर फोर्स का चेंगदू J-10C फाइटर जेट प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और यह जेट चीन द्वारा निर्मित था और पाकिस्तान को पहली बार आपूर्ति किया गया था। 18 नवंबर को हुई इस घटना में पायलट ने सफलतापूर्वक इजेक्ट कर लिया, लेकिन विमान दुबई के एक रिहायशी इलाके। में गिरा, जिससे एक बच्चे की दुखद मौत हो गई और विमान के मलबे से एक घर को भी नुकसान पहुंचा। जांच में तकनीकी खराबी और पायलट त्रुटि को इस हादसे का मुख्य कारण बताया गया। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर बहस छेड़ दी थी। पाकिस्तान ने इसे 'ट्रेजिक इंसिडेंट' बताते हुए माफी मांगी, जबकि दुबई। अथॉरिटीज ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और स्थिति को नियंत्रित किया।
अन्य प्रमुख विमान दुर्घटनाएं
पाकिस्तान के J-10C जेट क्रैश से पहले और बाद में भी कुछ अन्य विमान हादसे और गंभीर घटनाएं दर्ज की गई हैं और ये घटनाएं हालांकि उतनी घातक नहीं थीं, लेकिन उन्होंने एयर शो की सुरक्षा चुनौतियों को उजागर किया। 2017 के शो में सऊदी अरब की सलाम एयरलाइंस का एक बोइंग 737-800 विमान, जो स्टैटिक डिस्प्ले के लिए खड़ा था, अचानक इंजन फेलियर के कारण फिसला और आसपास के विमानों से टकरा गया। गनीमत रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना के कारण आयोजन को कुछ घंटों के लिए रोकना पड़ा। सऊदी टीम ने इसे 'माइनर टेक्निकल फॉल्ट' बताया।
रूस, अमेरिका और यूएई के विमानों से जुड़ी घटनाएं
इससे पहले, 2009 में रूसी नाइट्स एरोबैटिक टीम का सुखोई एसयू-27 फ्लैंकर जेट प्रदर्शन के दौरान नियंत्रण खो बैठा था। हालांकि, पायलट ने अपनी सूझबूझ से इमरजेंसी लैंडिंग कर ली और विमान रनवे पर ही रुक गया, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अमेरिकी लॉकहीड मार्टिन का F-16 फाइटर जेट भी 2015 में प्रदर्शन के दौरान इंजन स्नैग का शिकार हुआ था, और इसी तरह 2013 में यूएई का खुद का F-16 लड़ाकू विमान भी इंजन स्नैग की समस्या से जूझ चुका है और इन दोनों ही मामलों में पायलटों ने विमान को सुरक्षित उतार लिया था।
ब्रिटिश और फ्रांसीसी विमानों से जुड़े मामूली इंसिडेंट्स
ब्रिटिश एरो लायनर का हॉक ट्रेनर विमान 2007 में लो-लेवल फ्लाई के दौरान। ब्रेक फेलियर का शिकार हुआ था, जिसमें पायलट को इजेक्ट करना पड़ा था। इसके अतिरिक्त, फ्रांसीसी डसॉल्ट मिराज (2011) और रूसी मिग-29 (1997) में भी मामूली इंसिडेंट्स रिकॉर्ड किए गए हैं, हालांकि ये घटनाएं क्रैश तक नहीं पहुंचीं और ये सभी घटनाएं दुबई एयर शो की सुरक्षा को चुनौती देती हैं, जहां हर फ्लाइट से पहले सख्त चेक और प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।
सुरक्षा मानक और भविष्य की चुनौतियां
दुबई एयर शो के 39 वर्षों के इतिहास में कुल क्रैश की घटनाएं उंगलियों पर गिनी जा सकती हैं, जो इस आयोजन के सुरक्षा मानकों की मजबूती को दर्शाता है। हालांकि, हर हादसा यह याद दिलाता है कि आसमान की ऊंचाइयों में खतरा छिपा है और इन दुर्घटनाओं ने वैश्विक एयरोस्पेस इंडस्ट्री को महत्वपूर्ण सबक दिए हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि तकनीकी उन्नति के साथ-साथ सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे। दुबई एयर शो आज भी नवाचार और उत्कृष्टता का प्रतीक है, लेकिन हर। घटना सुरक्षा प्रोटोकॉल की निरंतर समीक्षा और सुधार की आवश्यकता पर जोर देती है।