News18 : Apr 16, 2020, 08:57 PM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने आज मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने के लिए दिल्ली सरकार अब प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन तकनीक का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से हम यह प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली के कुछ डॉक्टरों ने इसके बारे में रिसर्च किया है। हमने इस संबंध में केंद्र सरकार से बातचीत की और हमें इसकी अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि अभी यह प्रयास सिर्फ ट्रायल स्टेज पर है। अगर यह सफल हो जाता है तो हम कोरोना संक्रमित मरीजों को बचाने में कामयाब हो जाएंगे।प्लाज्मा टेक्नोलॉजी आशा की किरणमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच प्लाज्मा टेक्नोलॉजी के रूप में आशा की एक छोटी सी किरण दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि इसका पूरा निदान तो तभी मिल पाएगा जब इसकी कोई वैक्सीन बन जाए। लेकिन इस बीच डॉक्टरों ने प्लाज्मा तकनीक से इसके इलाज का एक तरीका खोजा है, जिससे मरीजों का जीवन बचाने की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि इस वक्त हमारे सामने दो चुनौतियां हैं। पहला यह कि किस तरह इसका संक्रमण रोकें। इसके लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग कर रहे हैं। दूसरी चुनौती यह है कि जिस व्यक्ति में संक्रमण दिख रहा है, वह ठीक हो जाए। उसकी मौत न हो। वह पूरी तरह ठीक हो जाए और वापस अपने घर लौट जाए।सीएम ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए ही दिल्ली के कुछ डॉक्टरों ने प्लाज्मा तकनीक को अपनाने का सुझाव दिया है। हमने इसके लिए केंद्र सरकार से सलाह ली थी। केंद्र से हमें इसके ट्रायल की अनुमति दी है। इस तकनीक के इस्तेमाल से हम उन गंभीर मरीजों की जिंदगी बचा पाएंगे, जो पहले से ही कैंसर, टीबी या अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं और कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए हैं।कैसे काम करती है तकनीकप्लाज्मा तकनीक के बारे में सीएम केजरीवाल ने बताया कि यह अभी ट्रायल स्टेज में है। अगले 4-5 दिन के अंदर इसके बारे में और बातें स्पष्ट हो जाएंगी। अगर यह सफल हो जाएगा, तो बड़ी बात होगी। उन्होंने इस तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि इस टेक्नोलॉजी में जिस व्यक्ति को एक बार कोरोना संक्रमण हो जाता है और ठीक हो जाता है। उसके खून में कोरोना की एंटीबॉडी डेवलप हो जाती है। ये एंटीबॉडी मरीज को ठीक करने में मदद करता है। इसके बाद वह स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान करता है। एक यूनिट खून से प्लाज्मा निकालकर उसे इनरिच यानी उसकी गुणवत्ता को बढ़ाया जाता है। इसी प्लाज्मा से दूसरे संक्रमित व्यक्ति को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। सीएम केजरीवाल ने बताया कि हालांकि अभी यह ट्रायल स्टेज में ही है। अगर यह तकनीक कामयाब होती है, तो कोरोना संक्रमण से मरीजों की जान बचाने में बड़ी सफलता होगी।