NavBharat Times : Jul 17, 2020, 10:56 AM
भारत में कोरोना की दूसरी सबसे बुरी मार झेलनी वाली दिल्ली ने जीत हासिल करनी शुरू कर दी है। गुरुवार लगातार छठा दिन रहा, जब देश की राजधानी में नए केसेज की संख्या 2,000 से कम रही। दिल्ली सरकार के मुताबिक, गुरुवार को 1,652 नए केस आए और 58 लोगों की मौत हुई। यहां कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ऐक्टिव केसेज का 5 गुना हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, 15 जुलाई तक दिल्ली में सवा दो लाख केस होने की आशंका थी मगर 1.15 लाख केस ही हुए। केंद्र सरकार ने लगातार मॉनिटरिंग के जरिए दिल्ली के हालात पर नजर बनाए रखी। इस बीच कुछ कदम ऐसे उठाए गए जिनकी वजह से दिल्ली कोरोना पर काबू पाने में कामयाब रही।
दिल्ली में फ्लैट होने के करीब कोरोना कर्वदिल्ली में आरटी वैल्यू यानी एक केस से कितने लोग इन्फेक्ट हो सकते हैं, वो गिर गया है। अगर यह 1 से कम हो तो माना जाता है कि कोरोना काबू में है। भारत में दिल्ली की आरटी वैल्यू अंडमान एंड निकोबार (0.88) के बाद सबसे कम (0.89) है। यानी दिल्ली में कोरोना का कर्व फ्लैट हो रहा है।
दिल्ली का रिकवरी रेट 82% से ज्यादागुरुवार को दिल्ली से 1,652 नए मामले सामने आए। टोटल केसेज की संख्या 1.18 लाख से जदा हो चुकी है। राजधानी में ऐक्टिव केसेज की संख्या 17,407 हो चुकी है और अबतक 97,693 मरीज ठीक हुए हैं। यानी दिल्ली में कोविड-19 का रिकवरी रेट 82.3 पहुंच चुका है।
चार गुना तक बढ़ गई टेस्टिंगदिल्ली में जून के पहले हफ्ते बहुत ज्यादा केसेज आ रहे थे। उस वक्त रोज करीब 5 से 6 हजार टेस्ट होते थे। फिर गृह मंत्रालय ने टेस्टिंग पहले दो गुनी और तीन गुनी करने का प्लान बनाया। रैपिड ऐंटीजेन किट का इस्तेमाल भी शुरू किया गया। अब दिल्ली में रोज 21 हजार-23 हजार टेस्ट रोज हो रहे हैं।
दिल्ली में अब 15 हजार से ज्यादा बेड्स उपलब्धदिल्ली कोरोना की सेकेंड वेव से भी निपटने को तैयार है। जून के पहले हफ्ते में जहां सिर्फ 700 कोरोना बेड्स थे, वहीं आज यह आंकड़ा 15 हजार के पार पहुंच गया है। अच्छी बात ये है कि इनमें से 10 हजार से ज्यादा बेड खाली हैं। दिल्ली सरकार ने एक ऐप भी लॉन्च की है जिससे लोग अस्पतालों में बेड की उपलब्धता चेक कर सकते हैं।
पल्स ऑक्सीमीटर्स से मौतें रुकीं : केजरीवालसीएम केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की मौतें कम करने में पल्स ऑक्सीमीटर्स से मदद मिली है। उन्होंने इसे 'सुरक्षा कवच' करार दिया था। उन्होंने कहा था कि 'अगर मरीज देखता है कि उसकी ऑक्सीजन कम हो रही है तो वो हमें बताता है। हम या तो उनके घर पर ऑक्सीजन भेज देते हैं या फिर अस्पताल में भर्ती कर लेते हैं।
प्लाज्मा बैंक बनाए, एम्बुलेंस टाइम कम हुआदिल्ली में कोविड-19 मरीजों के लिए प्लाज्मा थिरेपी शुरू की गई। कुल 84 मरीजों का इस तरीके से इलाज हुआ जिसमें से 80 ठीक हो गए। दिल्ली में दो प्लाज्मा बैंक तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा एम्बुलेंस का रेस्पांस टाइम भी दो घंटे से घटकर 30 मिनट तक आ गया है। दिल्ली के होम आइसोलेशन मॉडल ने भी हल्के लक्षणों वाले और एसिम्प्टोमेटिक पेशंट्स के इलाज में मदद की है।
दिल्ली में फ्लैट होने के करीब कोरोना कर्वदिल्ली में आरटी वैल्यू यानी एक केस से कितने लोग इन्फेक्ट हो सकते हैं, वो गिर गया है। अगर यह 1 से कम हो तो माना जाता है कि कोरोना काबू में है। भारत में दिल्ली की आरटी वैल्यू अंडमान एंड निकोबार (0.88) के बाद सबसे कम (0.89) है। यानी दिल्ली में कोरोना का कर्व फ्लैट हो रहा है।
दिल्ली का रिकवरी रेट 82% से ज्यादागुरुवार को दिल्ली से 1,652 नए मामले सामने आए। टोटल केसेज की संख्या 1.18 लाख से जदा हो चुकी है। राजधानी में ऐक्टिव केसेज की संख्या 17,407 हो चुकी है और अबतक 97,693 मरीज ठीक हुए हैं। यानी दिल्ली में कोविड-19 का रिकवरी रेट 82.3 पहुंच चुका है।
चार गुना तक बढ़ गई टेस्टिंगदिल्ली में जून के पहले हफ्ते बहुत ज्यादा केसेज आ रहे थे। उस वक्त रोज करीब 5 से 6 हजार टेस्ट होते थे। फिर गृह मंत्रालय ने टेस्टिंग पहले दो गुनी और तीन गुनी करने का प्लान बनाया। रैपिड ऐंटीजेन किट का इस्तेमाल भी शुरू किया गया। अब दिल्ली में रोज 21 हजार-23 हजार टेस्ट रोज हो रहे हैं।
दिल्ली में अब 15 हजार से ज्यादा बेड्स उपलब्धदिल्ली कोरोना की सेकेंड वेव से भी निपटने को तैयार है। जून के पहले हफ्ते में जहां सिर्फ 700 कोरोना बेड्स थे, वहीं आज यह आंकड़ा 15 हजार के पार पहुंच गया है। अच्छी बात ये है कि इनमें से 10 हजार से ज्यादा बेड खाली हैं। दिल्ली सरकार ने एक ऐप भी लॉन्च की है जिससे लोग अस्पतालों में बेड की उपलब्धता चेक कर सकते हैं।
पल्स ऑक्सीमीटर्स से मौतें रुकीं : केजरीवालसीएम केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की मौतें कम करने में पल्स ऑक्सीमीटर्स से मदद मिली है। उन्होंने इसे 'सुरक्षा कवच' करार दिया था। उन्होंने कहा था कि 'अगर मरीज देखता है कि उसकी ऑक्सीजन कम हो रही है तो वो हमें बताता है। हम या तो उनके घर पर ऑक्सीजन भेज देते हैं या फिर अस्पताल में भर्ती कर लेते हैं।
प्लाज्मा बैंक बनाए, एम्बुलेंस टाइम कम हुआदिल्ली में कोविड-19 मरीजों के लिए प्लाज्मा थिरेपी शुरू की गई। कुल 84 मरीजों का इस तरीके से इलाज हुआ जिसमें से 80 ठीक हो गए। दिल्ली में दो प्लाज्मा बैंक तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा एम्बुलेंस का रेस्पांस टाइम भी दो घंटे से घटकर 30 मिनट तक आ गया है। दिल्ली के होम आइसोलेशन मॉडल ने भी हल्के लक्षणों वाले और एसिम्प्टोमेटिक पेशंट्स के इलाज में मदद की है।