- भारत,
- 25-Oct-2025 08:45 AM IST
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया सीमा संघर्ष ने क्षेत्र में तनाव को काफी। बढ़ा दिया था, जिसमें दर्जनों लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, कतर की राजधानी दोहा में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जहाँ दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते को क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब इस वार्ता का दूसरा दौर तुर्की में आयोजित किया जाएगा, जहाँ स्थायी शांति और सीमा प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी।तालिबान सरकार का रुख और अगले दौर की वार्ता
इस संघर्ष विराम समझौते पर कतर और तुर्की ने मध्यस्थता की थी, जो दोनों देशों के बीच शत्रुता को रोकने में सफल रहे और यह युद्धविराम काफी हद तक कायम रहा है, जिससे दोनों पक्षों को आगे की बातचीत के लिए एक मंच मिल पाया। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले दौर की बातचीत के बाद एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान। के बीच सीजफायर समझौता हो गया है और पाकिस्तान की भूमि पर अफगानिस्तान से होने वाली आतंकवादी गतिविधियां तुरंत बंद की जाएंगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों पड़ोसी देश एक-दूसरे की जमीन और संप्रभुता का सम्मान करेंगे।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भी बातचीत के सकारात्मक परिणामों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पहले दौर की बातचीत में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आपस में सैन्य ठिकानों और रिहाइशी इलाकों में हमला न करने पर सहमति बनी है और मुजाहिद ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान पर हमला करने वाले संगठनों का समर्थन न करने वाला उनका बयान कोई औपचारिक या संयुक्त घोषणा का हिस्सा नहीं है, बल्कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का पुराना स्टैंड है। दोहा में दोनों पक्षों के बीच सिर्फ यह सहमति बनी है कि एक-दूसरे के खिलाफ। किसी भी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जाएगा, जो समझौते का सबसे अहम बिंदु है। अब उप-गृह मंत्री हाजी नजीब इस्तांबुल जा रहे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान ने अपने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के बारे में जानकारी नहीं दी है।
