Pune / दिवाली की सफाई के दौरान, तीन लाख के गहने वाले एक पर्स को डाल दिया कचरे की वैन में और फिर…

Zoom News : Nov 13, 2020, 03:41 PM
पिंपरी चिंचवाड़ में, एक 45 वर्षीय महिला, दीवाली से पहले घर की सफाई करते समय, पुरानी चीजों के साथ एक खस्ता हॉल पर्स भी फेंक दिया। फिर कचरे को पिकअप वैन को सौंप दिया गया। पिकअप वैन की गाड़ी में डाला गया सारा कचरा एक बड़े डंप (डिपो) में गिर गया, जहाँ टन कचरा जमा था। यह दिवाली का दिन है, इसलिए घरों से अधिक कचरा निकल रहा है। 

महिला का बेटा एक प्राइवेट नौकरी में है और जल्द ही उसकी शादी होने वाली है। महिला को बाद में याद आया कि उस पर्स में लगभग तीन लाख रुपये के गहने रखे हुए थे। महिला ने पर्स में गहने यह सोचकर रखे थे कि वह अपनी बहू के आने पर उसे सौंप देगी। पर्स का ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो रहा था। जब महिला को अपने पर्स में गहने याद आए, तो उसके होश उड़ गए। महिला ने यह बात अपने बेटे को बताई। फिर यह सूचना नगर निगम के एक शीर्ष अधिकारी को दी गई। इसके बाद पता लगाया गया कि पिकअप वैन किस समय डिपो में गई और कचरा गिराया। उस समय डिपो में ड्यूटी पर तैनात सफाईकर्मी की संख्या मांगी गई थी।

महिला ने सफाई कर्मचारी को शीर्ष अधिकारी से मिले नंबर पर पर्स के बारे में बताया। सफाई कर्मचारी हेमंत लखन ने महिला को डिपो में आने के लिए कहा, जहां कूड़ा डंप था। हेमंत ने यह भी पूछा कि वह किस क्षेत्र में रहता है और किस समय पिकअप वैन वहां आया था। जब महिला डिपो पहुंची, तो वहां कचरे का पहाड़ देखकर, आभूषण के साथ पर्स मिलने की उसकी सच्ची उम्मीद भी खत्म हो गई। यहाँ एक पर्स ढूंढना समुद्र से सुई निकालने जैसा था। पूरे शहर का कचरा यहां डंप किया जाता है।

लेकिन मेहतर हेमंत ने अनुमान लगाया कि कचरा किस क्षेत्र से हो सकता है। उसने अपने अनुसार कचरे को छानना शुरू कर दिया। हेमंत ने क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए पर्स की तलाश शुरू की, जबकि लगभग 18 टन कचरा था। आखिरकार, 33 वर्षीय हेमंत ने बहुत मेहनत के बाद पर्स पाया और उसे महिला को सौंप दिया। दरअसल, 2013 में हेमंत ने एक ऐसी ही घटना देखी थी। उस समय एक युवती ने गलती से नौ तोले सोने का मंगलसूत्र भी दे दिया था। तब भी हेमंत ने उसे पाया।

पर्स मिलने के तुरंत बाद, महिला हेमंत को पुरस्कृत करना चाहती थी, फिर उसने लेने से इनकार कर दिया। हेमंत, जिन्हें 18,000 रुपये महीने का वेतन मिलता है, कहते हैं कि उन्हें अपने काम के लिए निगम से वेतन मिलता है और उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया। हेमंत एक भजन मंडली से जुड़े हैं और अपना खाली समय भजन गाने में बिताते हैं। वह पांच भाषाओं - हिंदी, मराठी, सिंधी, गुजराती, कोंकणी में भजन गा सकते हैं। हेमंत लखन की ईमानदारी और कर्तव्य के प्रति निष्ठा पर शहर के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चर्चा हो रही है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER