नई दिल्ली / करतारपुर / गुरुद्वारे की जमीन पर पाकिस्तान का अतिक्रमण, भारत ने की वापसी की मांग

Dainik Bhaskar : Mar 16, 2019, 12:02 PM
नई दिल्ली. पाकिस्तान ने वहां के पंजाब प्रांत में स्थित नलोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा और उसके आसपास की जमीन पर अतिक्रमण किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारत सरकार ने पाकिस्तान से उस कब्जा की हुई जमीन को गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को जल्द से जल्द वापस करने के लिए कहा है। 

गुरुद्वारे के लिए नलोवाल में यह जमीन महाराजा रणजीत सिंह और कुछ सिख सेवकों ने दान की थी। बताया जा रहा है कि पाक सरकार ने अलग-अलग समय पर इसके कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। भारतीय अधिकारियों ने गुरुद्वारे को उसकी कानूनी जमीन ले लेने का विरोध जताते हुए इसे गुरुनानक देव जी के भक्तों की भावनाओं से खिलवाड़ बताया। 

पाक ने कॉरिडोर पर भारत की मांग ठुकराई

करतारपुर कॉरिडर पर पाकिस्तान ने भारत के साथ अमृतसर में मीटिंग के अगले ही दिन भारत के दिए सुझावों को मानने से इनकार कर दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाक की इस दोहरी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि सिख श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने से कॉरिडोर के वास्तविक लक्ष्य हासिल नहीं किए जा सकेंगे। करतारपुर गुरुद्वारे के रोजाना दर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इन मांगों से मुकरा पाक

भारत ने करतारपुर कॉरिडोर पर हुई पहली बैठक में पाक को प्रस्ताव दिया था कि एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाजत दी जाए। साथ ही गुरुपर्व और बैसाखी जैसे कुछ खास मौकों पर 15000 लोगों को बिना वीजा दर्शन का मौका दें। हालांकि, पाक ने इस मांग को ठुकरा दिया। 

इसके अलावा भारत ने मांग की थी कि देश और विदेश से हर दिन हजारों लोग करतारपुर पहुंचेंगे। ऐसे में सभी भारतीय और भारतीय मूल (ओसीआई कार्डधारक) के लोगों की एंट्री भी मान्य की जाए। इस पर भी पाक ने सहमति नहीं जताई। 

भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि एक परिवार या फिर समूह में जाने वाले चाहे जितने हों उन्हें करतारपुर के दर्शन के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत दें। हालांकि, पाक ने इस मांग को यह कहकर टाल दिया कि 15 श्रद्धालुओं का समूह ही एक बार मे भारत से दर्शन करने जा सकता है।

पिछले साल रखी थी कॉरिडोर की आधारशिला

कॉरिडोर डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के करतारपुर के बीच बनना है। नवंबर में भारत और पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर के अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण की आधारशिला रखी थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल (महानिदेशक दक्षिण एशिया और सार्क) ने भारतीय उच्चायुक्त से इस कॉरिडोर पर अगली चर्चा के लिए भारतीय दल को 28 मार्च को पाकिस्तान भेजने का आग्रह भी किया था।

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