Indian e-Passport / देशभर में ई-पासपोर्ट जारी: हवाई अड्डों पर अब नहीं लगेगा ज्यादा समय, जानें नए फीचर्स

विदेश मंत्रालय ने देशभर में ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 28 मई, 2025 के बाद बने या रिन्यू हुए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे। इनमें चिप लगी होगी, जिससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और हवाई अड्डों पर इमीग्रेशन में लगने वाला समय कम होगा। अब तक 80 लाख ई-पासपोर्ट जारी हो चुके हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने देश के नागरिकों के लिए यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और देशभर में ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा के अनुभव को पूरी तरह से बदल देगा। यह पहल भारतीय पासपोर्ट को वैश्विक सुरक्षा मापदंडों के अनुरूप और भी बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है। इस नए युग के पासपोर्ट से न केवल फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल पर लगाम लगेगी, बल्कि हवाई अड्डों पर इमीग्रेशन। की लंबी कतारों में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा, जिससे यात्रियों को एक सहज और तनावमुक्त अनुभव मिलेगा।

ई-पासपोर्ट: क्या है और कैसे अलग है?

यदि आपने 28 मई, 2025 को या उसके बाद अपना नया पासपोर्ट बनवाया है अथवा अपने पुराने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराया है, तो आपको अब एक ई-पासपोर्ट प्राप्त होगा और यह नया ई-पासपोर्ट देखने में अपने पारंपरिक पासपोर्ट जैसा ही प्रतीत होता है, लेकिन इसकी सबसे विशिष्ट पहचान इसके कवर पर अशोक स्तंभ के ठीक नीचे लगी एक माइक्रोचिप है। यह चिप पासपोर्ट धारक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखती है, जिसमें व्यक्तिगत विवरण, बायोमेट्रिक डेटा और अन्य आवश्यक सुरक्षा जानकारी शामिल हो सकती है। यह तकनीक न केवल फर्जी पासपोर्ट के निर्माण और दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाएगी, बल्कि यात्रा। के दौरान हवाई अड्डों पर इमीग्रेशन की प्रक्रिया में लगने वाले बहुमूल्य समय को भी काफी हद तक कम कर देगी।

सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का नया दौर

भारतीय विदेश मंत्रालय में कांसुलर पासपोर्ट और वीजा प्रभाग के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने इस पहल। के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ई-पासपोर्ट कई मायनों में बेहद सुविधाजनक और सुरक्षित हैं। ये एयरपोर्ट पर यात्रियों के समय की बचत करते हैं और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के निर्धारित नियमों के पूरी तरह अनुकूल हैं। ई-पासपोर्ट धारकों को अब हवाई अड्डे के इमीग्रेशन काउंटर पर अपनी पहचान सत्यापित कराने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नई प्रणाली के तहत, यात्रियों को अपने ई-पासपोर्ट की ई-चिप को एंट्री गेट पर लगी टच स्क्रीन पर केवल टैप करना होगा, जिसके बाद दरवाजे स्वतः खुल जाएंगे। इसके अतिरिक्त, इमीग्रेशन काउंटर पर बैठे अधिकारी को अब प्रत्येक जानकारी का मैन्युअल रूप से मिलान करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि अधिकांश सत्यापन प्रक्रिया स्वचालित हो जाएगी। यह 'ट्रस्टेड ट्रेवलर प्रोग्राम' का एक अभिन्न अंग है, जिसे भारतीय हवाई अड्डों पर लागू 'डिजी यात्रा' के वैश्विक स्वरूप के रूप में देखा जा रहा है, जिसका लक्ष्य यात्रा को पूरी तरह से संपर्क रहित और तेज बनाना है।

देशभर में ई-पासपोर्ट की प्रगति

ई-पासपोर्ट के रोलआउट की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अब तक पूरे देश में 80 लाख से अधिक ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं, जो इस नई तकनीक के व्यापक स्तर पर अपनाने का संकेत है। इसके साथ ही, विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों द्वारा भी 60 हजार ई-पासपोर्ट जारी किए गए हैं, जिससे विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को भी इस उन्नत सुविधा का लाभ मिल रहा है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि विदेश मंत्रालय इस आधुनिक प्रणाली को देश और विदेश दोनों जगह तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि भारतीय यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सकें।

पासपोर्ट सुविधा केंद्रों का विस्तार

पासपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया को देश के हर नागरिक के लिए आसान और सुलभ बनाने के उद्देश्य से, विदेश मंत्रालय एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। मंत्रालय देश के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एक पासपोर्ट सुविधा केंद्र (PSK) खोल रहा है और इस पहल के तहत, अब तक 511 लोकसभा क्षेत्रों में ये पासपोर्ट केंद्र सफलतापूर्वक खोले जा चुके हैं। शेष बची हुई 32 लोकसभा सीटों पर भी जल्द ही पासपोर्ट सुविधा केंद्र खोले जाएंगे, जिससे देश के हर कोने में नागरिकों को पासपोर्ट संबंधी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। विदेश मंत्रालय का यह प्रयास नागरिकों के लिए पासपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पासपोर्ट आवेदनों में उल्लेखनीय वृद्धि

विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने। वाले नागरिकों की संख्या में लगातार और उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है। आज से लगभग 10 साल पहले तक, जहां हर साल औसतन 50 लाख पासपोर्ट जारी किए जाते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर सालाना डेढ़ करोड़ पासपोर्ट तक पहुंच गई है। यह वृद्धि भारतीय नागरिकों की बढ़ती वैश्विक गतिशीलता और यात्रा की इच्छा को दर्शाती है। नागरिकों को पासपोर्ट संबंधी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके, इसके लिए मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि पासपोर्ट संबंधी सभी आवश्यक जानकारी देश की 17 विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हो, जिससे भाषा की बाधा के बिना हर कोई इस सुविधा का लाभ उठा सके और यह सभी प्रयास मंत्रालय द्वारा नागरिकों के लिए पासपोर्ट सेवाओं को बेहतर बनाने और उन्हें आधुनिक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए किए जा रहे हैं।