Operation Sindoor / भारत का पांच देशों ने बढ़ाया मान, एक ने तो लिया 360 डिग्री का टर्न

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देकर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब किया। रूस, ऑस्ट्रेलिया, पराग्वे, मलेशिया और कोलंबिया जैसे देशों ने भारत का खुलकर समर्थन किया, जिससे भारत की वैश्विक साख और बढ़ गई।

Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने न केवल आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि एक रणनीतिक डिप्लोमैटिक अभियान चलाकर पाकिस्तान की साजिशों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब कर दिया। इस अभियान का उद्देश्य केवल पाकिस्तान को सबक सिखाना नहीं था, बल्कि यह संदेश भी देना था कि भारत अब हर हमले का जवाब ताकत और ठोस नीति से देगा।

भारत ने दुनिया के कई देशों में अपने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजे और आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोहरे रवैये को उजागर किया। भारत का यह वैश्विक कूटनीतिक एक्शन सफल रहा, क्योंकि कई देशों ने भारत का खुलकर समर्थन किया और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।

भारत को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन: 5 देशों की मजबूत प्रतिक्रिया

1. रूस: भारत को रणनीतिक संतुलन का केंद्र मानता है

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने RIC (रूस-भारत-चीन) त्रिपक्षीय मंच को दोबारा सक्रिय करने का प्रस्ताव रखा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के नेतृत्व वाला QUAD समूह एशिया में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ा रहा है। लावरोव ने साफ कहा कि भारत व्यापार और शांति का पक्षधर है और यही वजह है कि RIC की पुनर्स्थापना भारत के संतुलित विदेश नीति दृष्टिकोण को दर्शाता है।

2. ऑस्ट्रेलिया: आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ

ऑस्ट्रेलियाई उपप्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस ने अपने पहले भारत दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ खड़ा है। QUAD के सदस्य देश की यह प्रतिक्रिया भारत की वैश्विक स्थिति को और मज़बूत करती है।

3. पराग्वे: 360 डिग्री बदलाव और भारत के साथ जुड़ाव

दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस भारत आए और पीएम मोदी से मुलाकात की। उन्होंने भारत को “सभ्यता” बताया और पहलगाम हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया। उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच एक पुल बनाना चाहते हैं — यह भारत की वैश्विक छवि को एक नई ऊंचाई देता है।

4. मलेशिया: पाकिस्तान के इस्लामिक कार्ड को किया नजरअंदाज

पाकिस्तान ने मलेशिया से आग्रह किया था कि भारत के मुस्लिम देश दौरे को रद्द किया जाए, लेकिन मलेशिया ने ऐसा कोई दबाव नहीं माना। भारतीय प्रतिनिधिमंडल को शानदार स्वागत मिला और उन्होंने कई उच्चस्तरीय बैठकों में हिस्सा लिया। यह पाकिस्तान के धार्मिक कार्ड की वैश्विक अस्वीकार्यता को दिखाता है।

5. कोलंबिया: बयान वापसी और भारत का समर्थन

कोलंबिया ने शुरुआत में पाकिस्तान में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जताई थी, लेकिन जब शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा और सटीक जानकारी साझा की, तो कोलंबिया ने अपनी पुरानी टिप्पणी वापस ले ली। उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा ने सार्वजनिक रूप से भारत को संतुलित और समझदार देश बताया और भविष्य में सहयोग बढ़ाने की बात कही।


भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, नेतृत्व कर रहा है

पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो रणनीति अपनाई, उसने यह सिद्ध कर दिया कि वह अब केवल हमलों का शिकार नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन का निर्णायक खिलाड़ी है। पाकिस्तान की पुरानी चालें अब चल नहीं पा रहीं और भारत की आक्रामक कूटनीति उसे अलग-थलग कर रही है।