News18 : Sep 09, 2020, 08:43 AM
अयोध्या। जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) की आस लगाए राम भक्तों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राम मंदिर निर्माण के लिए की जाने वाली नींव की खुदाई का नियमित काम 15 अक्टूबर के बाद ही शुरू होने की संभावना है। तत्काल में आई रिग मशीन (Rig Machine) से अभी सिर्फ 1 मीटर चौड़ा और 100 फ़ीट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें कंक्रीट का मसाला भरा जाएगा और एक खम्भा तैयार होगा, जिसकी मजबूती की जांच आईआईटी चेन्नई (IIT Chennai) एक महीने में करेगी। इसकी जांच रिपोर्ट आने में एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद लगभग 15 अक्टूबर के बाद से नियमित रूप से नींव की खुदाई और खंभों को भरे जाने का काम शुरू होगा।
इतना ही नहीं इन 1200 खंभों को खोदकर इन्हें भरे जाने के लिए और मशीनें भी लगाई जाएंगी। यह जानकारी राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ L&T और ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के बाद दी। राय ने बताया कि अभी सिर्फ टेस्ट पाइलिंग की जाएगी जिसके तहत एक 100 फीट के गड्ढे को खोदकर उसे भरने का काम होगा और उसकी मजबूती की जांच होगीछोटी से छोटी तकनीकी खामियों की जांचइसके अलावा चंपत राय ने बताया कि हम सभी ने यह तय किया है कि मंदिर की बुनियाद की आयु मंदिर में लगे पत्थरों से ज्यादा हो। इसीलिए आईआईटी चेन्नई के तकनीकी विशेषज्ञों के द्वारा हर छोटी से छोटी तकनीकी खामियों की जांच की जा रही है। राय ने बताया कि निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था L&T के तकनीकी विशेषज्ञ इस बात की गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं कि निर्माण के लिए सीमेंट कहां से मंगाई जाएगी। कहां की गिट्टी का प्रयोग किया जाएगा। साथ ही मौरंग की गुणवत्ता क्या होनी चाहिए। इन सभी पर बेहद गंभीरता से चर्चा चल रही है। निर्माण में 39 महीनों का समय लग जाएगा।
इतना ही नहीं इन 1200 खंभों को खोदकर इन्हें भरे जाने के लिए और मशीनें भी लगाई जाएंगी। यह जानकारी राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ L&T और ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के बाद दी। राय ने बताया कि अभी सिर्फ टेस्ट पाइलिंग की जाएगी जिसके तहत एक 100 फीट के गड्ढे को खोदकर उसे भरने का काम होगा और उसकी मजबूती की जांच होगीछोटी से छोटी तकनीकी खामियों की जांचइसके अलावा चंपत राय ने बताया कि हम सभी ने यह तय किया है कि मंदिर की बुनियाद की आयु मंदिर में लगे पत्थरों से ज्यादा हो। इसीलिए आईआईटी चेन्नई के तकनीकी विशेषज्ञों के द्वारा हर छोटी से छोटी तकनीकी खामियों की जांच की जा रही है। राय ने बताया कि निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था L&T के तकनीकी विशेषज्ञ इस बात की गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं कि निर्माण के लिए सीमेंट कहां से मंगाई जाएगी। कहां की गिट्टी का प्रयोग किया जाएगा। साथ ही मौरंग की गुणवत्ता क्या होनी चाहिए। इन सभी पर बेहद गंभीरता से चर्चा चल रही है। निर्माण में 39 महीनों का समय लग जाएगा।