राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायक निधि में भ्रष्टाचार के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया है और एक प्रमुख समाचार पत्र द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में तीन विधायकों द्वारा विधायक निधि में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद, मुख्यमंत्री ने तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की है। इस मामले को अत्यंत गंभीर और चिंताजनक बताते हुए, सीएम शर्मा ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की। नीति अपनाती है और कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, यदि दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री का कड़ा रुख
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से इस पूरे मामले पर अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि आज एक प्रमुख समाचार पत्र में विधायक निधि में भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित हुई है, जो अत्यंत गंभीर और चिंताजनक विषय है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी लोकसेवक द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर उनकी सरकार की नीति पूरी तरह से 'जीरो टॉलरेंस' की है। यह बयान दर्शाता है कि सरकार सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी और पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री का यह दृढ़ संकल्प राज्य में सुशासन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन
इस गंभीर मामले की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का नेतृत्व मुख्य सतर्कता आयुक्त (अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग) करेंगे। इस कमेटी का मुख्य कार्य स्टिंग ऑपरेशन में सामने आए भ्रष्टाचार के आरोपों की विस्तृत जांच करना और दोषियों की पहचान करना है। कमेटी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो, ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस उच्च स्तरीय कमेटी का गठन यह दर्शाता है कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है और वह किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
MLA LAD खाते फ्रीज करने का फैसला
जांच कमेटी के गठन के साथ ही, मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिन विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनके MLA LAD। (विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास) के खाते तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिए गए हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि जांच पूरी होने तक इन निधियों का कोई और दुरुपयोग न हो सके और भ्रष्टाचार के संभावित सबूतों को सुरक्षित रखा जा सके। खातों को फ्रीज करने का यह निर्णय एक निवारक उपाय के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में ऐसे किसी भी कदाचार को रोकने में मदद करेगा और सार्वजनिक धन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
स्टिंग ऑपरेशन में उजागर हुए नाम
समाचार पत्र के स्टिंग ऑपरेशन में राजस्थान के तीन विधायकों के नाम सामने आए हैं, जिन पर विधायक निधि में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का खेल उजागर करने का आरोप है। इन विधायकों में भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत शामिल हैं। स्टिंग ऑपरेशन में इन विधायकों से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के तरीकों का खुलासा किया गया है, जिसने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इन नामों के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और जनता के बीच भी इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा हो रही है।
भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा का खंडन
स्टिंग ऑपरेशन में नाम आने के बाद भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्टिंग को 'निराधार, गलत और तथ्यहीन' करार दिया। डांगा ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि वह व्यक्ति उनके पास पहले भी चार बार आ चुका था और कुछ दिन पहले भी आया था। उन्होंने कहा कि वह बार-बार आकर उनसे स्वीकृति के बारे में बात कर रहा था, लेकिन उन्होंने उसे स्पष्ट रूप से मना कर दिया था। डांगा ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वीकृति गांव वालों की मांग और धरातल स्तर पर जनप्रतिनिधियों तथा गांव के लोगों से पूछ-समझकर, उनकी मांग के अनुरूप ही निकाली जाती है और उनका यह बयान आरोपों के विपरीत अपनी स्थिति को स्पष्ट करने का एक प्रयास है।
वहीं, हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव का स्टिंग वीडियो वायरल। होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी तत्काल कार्रवाई की है। पार्टी ने अनीता जाटव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे सात दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यदि सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो पार्टी उनके खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। यह कदम दर्शाता है कि राजनीतिक दल भी अपने सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं और अपनी छवि बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं। यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही की बढ़ती मांग को रेखांकित करता है।
कांग्रेस का विधायक अनीता जाटव पर एक्शन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का यह त्वरित और कठोर एक्शन राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है। उच्च स्तरीय जांच और खातों को फ्रीज करने का निर्णय यह सुनिश्चित करेगा कि इस मामले की तह तक जाया जाए और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह घटना राज्य में राजनीतिक शुचिता और सार्वजनिक जीवन में। ईमानदारी के महत्व को एक बार फिर उजागर करती है।