PM Modi In G20 Summit / ड्रग-टेरर नेक्सस से मुकाबला: G20 समिट में PM मोदी के तीन अहम प्रस्ताव

जोहान्सबर्ग में G20 समिट में PM मोदी ने तीन नई पहलें प्रस्तावित कीं: वैश्विक विकास मापदंडों पर पुनर्विचार, पारंपरिक ज्ञान के लिए ग्लोबल रिपॉजिटरी, अफ्रीका में कौशल विकास, और ड्रग-टेरर नेक्सस का मुकाबला करने के लिए G20 की पहल. उन्होंने समावेशी और सतत आर्थिक विकास पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा विकास मॉडल ने बड़ी आबादी को संसाधनों से दूर रखा है और प्रकृति के अत्यधिक दोहन को बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में ये चुनौतियाँ विशेष रूप से अधिक महसूस की जा रही हैं और उन्होंने तर्क दिया कि आज जब अफ्रीका पहली बार G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, तो हमें विकास के मापदंडों पर फिर से विचार करना चाहिए. पीएम मोदी ने भारत के सभ्यतागत मूल्यों में निहित 'एकात्म मानववाद' के मार्ग का सुझाव दिया, जिसका अर्थ है मानव, समाज और प्रकृति को एक एकीकृत इकाई के रूप में देखना और उनका मानना है कि तभी प्रगति और प्रकृति के बीच सामंजस्य संभव हो पाएगा.

जोहान्सबर्ग में G20 समिट: PM मोदी के अहम प्रस्ताव

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच पर तीन महत्वपूर्ण नई पहलों का प्रस्ताव रखा है. अफ्रीका में पहली बार आयोजित इस G20 शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री ने वैश्विक. विकास के मौजूदा मापदंडों पर गहराई से पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया. समावेशी और सतत आर्थिक विकास पर केंद्रित सत्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि G20 ने लंबे समय से वैश्विक वित्त और विकास को आकार दिया है, लेकिन वर्तमान मॉडल बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित रखते हैं और प्रकृति के अत्यधिक दोहन को बढ़ावा देते हैं.

ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर में कई समुदायों. की सराहना की, जिन्होंने अपनी पारंपरिक और पर्यावरण-संतुलित जीवन शैली को संरक्षित रखा है. इन परंपराओं में न केवल स्थिरता दिखती है, बल्कि इनमें सांस्कृतिक ज्ञान, सामाजिक एकता और प्रकृति के प्रति गहरा सम्मान भी झलकता है और इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, पीएम मोदी ने G20 के तहत एक 'ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी' बनाने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत की 'इंडियन नॉलेज सिस्टम्स' पहल इस वैश्विक मंच का आधार बन सकती है. इस रिपॉजिटरी का उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान को दस्तावेजित करना और साझा करना होगा जो सतत जीवन के समय-परीक्षित मॉडल प्रदर्शित करते हैं, और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह ज्ञान आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए.

G20-अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर पहल

अफ्रीका के विकास को वैश्विक हित में बताते. हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने 'G20-अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर' पहल का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि यह पहल 'ट्रेन-द-ट्रेनर्स' मॉडल को अपनाएगी, जिसे सभी G20 भागीदार समर्थन और वित्त प्रदान करेंगे. इस पहल का सामूहिक लक्ष्य अगले दस वर्षों में अफ्रीका में दस लाख प्रमाणित प्रशिक्षक. तैयार करना है, जो बदले में लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने में मदद करेंगे. यह पहल अफ्रीका में मानव पूंजी के विकास को बढ़ावा देगी और क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को अनलॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

ड्रग-टेरर नेक्सस का मुकाबला करने की विशेष पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने फेंटेनाइल जैसी घातक सिंथेटिक ड्रग्स के तेजी से फैलने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा पर उनके गंभीर प्रभावों की चेतावनी दी. इस खतरे का मुकाबला करने के लिए, उन्होंने ड्रग-टेरर नेक्सस. का मुकाबला करने पर एक विशेष G20 पहल का प्रस्ताव रखा. इस पहल का उद्देश्य वित्तीय, शासन और सुरक्षा उपकरणों को एकीकृत करना है. इसका लक्ष्य मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क को बाधित करना, अवैध धन के लेनदेन को रोकना और आतंकवाद के लिए वित्तपोषण के एक बड़े स्रोत को कमजोर करना है. यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

वैश्विक संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की आवाज

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अफ्रीका एकजुटता के मजबूत इतिहास पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकन यूनियन को इस समूह का स्थायी सदस्य बनाने को एक बहुत बड़ी पहल बताया. उन्होंने जोर दिया कि इस भावना का विस्तार G20 से भी आगे होना चाहिए और सभी वैश्विक संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की आवाज को और बुलंद करने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए और यह एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.