Lockdown / कोलकाता के घाट पर दिखी 'गंगा डॉल्फिन', लोगों ने देख कहा- ये...

देश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन में कई ऐसे जानवर जो मुश्किल ही दिखते हैं वो भी नजर आ गए। कई जगह बंदर स्वीमिंग पूल में मस्ती करते नजर आते हैं तो कई जगह भालू। मुंबई की सड़कों पर तो मोर घुमते नजर आते है। ऐसा ही कुछ कोलकाता में भी हुआ, यहां पर गंगा में प्रदुषण के चलते इसमें रहने वाली डॉल्फिन जैसे लुप्त ही होती नजर आ रही थी।

News18 : Apr 24, 2020, 03:36 PM
नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के कारण लॉकडाउन (Lockdown) जारी है। इस लॉकडाउन में कई ऐसे जानवर जो मुश्किल ही दिखते हैं वो भी नजर आ गए। कई जगह बंदर स्वीमिंग पूल में मस्ती करते नजर आते हैं तो कई जगह भालू। मुंबई की सड़कों पर तो मोर घुमते नजर आते है। ऐसा ही कुछ कोलकाता (Kolkata) में भी हुआ, यहां पर गंगा में प्रदुषण के चलते इसमें रहने वाली डॉल्फिन जैसे लुप्त ही होती नजर आ रही थी। लेकिन प्रदुषण कम होने से लगभग 30 साल बाद इसे एक बार फिर गंगा नदी में देखा गया।

एक ट्विटर यूजर ने इसकी कुछ फोटो शेयर करते हुए लिखा- लुप्त होती यह गंगा डॉल्फिन लॉकडाउन जल प्रदूषण कम होने से कई वर्षों बाद कोलकाता के घाटों पर नजर आई। आपको बता दें की केंद्र सरकार ने साल 2009 में गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था।

वरिष्‍ठ पर्यावरण कार्यकर्ता बिस्‍वजीत रॉय कहना है कि लॉकडाउन की वजह से हुगली नदी के पानी में प्रदुषण में कमी आई है। 'गंगा डॉल्फिन' दुनिया में ऐसी डॉल्फिन है जो स्‍वच्‍छ और मीठे पानी में पाई जाती है। जल और वायु प्रदुषण के कारण कई जीव-जंतु विलुप्त होते जा रहे हैं।

लॉकडाउन के कारण कई राज्य जो वायु गुणवत्ता के लिए पहचाने जाते हैं वहां AQI लेवल काफी नीचे आया है। दिल्ली और मुंबई में इसका खासा असर देखा जा सकता है। लॉकडाउन में सड़कों पर बहुत कम वाहनों के चलने, सिर्फ आवश्यक वाणिज्यिक इकाइयों के संचालित होने और प्रदूषकों के बिखराव के लिए अनुकूल मौसमी दशाएं रहने से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली में ‘पीएम 2।5’ में 46 प्रतिशत और ‘पीएम 10’ में 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की है।

सीपीसीबी दिल्ली में 16 मार्च से 15 अप्रैल के बीच 38 केंद्रों के वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है।