Rajasthan News / गहलोत का विरोधियों पर तंज: 'राहुल के नाम से CM बनने की अफवाहें, कर्नाटक में प्यार मोहब्बत, राजस्थान सरकार नाकारा'

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के नाम पर CM बनने की अफवाहों पर तंज कसा। उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस में एकजुटता का दावा किया, 'ढाई-ढाई साल' के फॉर्मूले को हवा-हवाई बताया। गहलोत ने राजस्थान सरकार को 'नाकारा-निकम्मी' और चुनाव आयोग को 'पक्षपाती' करार दिया, लोकतंत्र के भविष्य पर चिंता जताई।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नाटक कांग्रेस सरकार के भीतर चल रहे कथित विवादों के बहाने अपनी ही पार्टी के भीतर के विरोधियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी, जिसमें 'ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री' के फॉर्मूले से लेकर राजस्थान सरकार की कार्यप्रणाली और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाना शामिल था और गहलोत ने स्पष्ट किया कि पार्टी के भीतर कुछ लोग राहुल गांधी के नाम का इस्तेमाल कर अफवाहें फैला रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है और आंतरिक एकजुटता प्रभावित हो रही है।

'ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री' फॉर्मूले पर तंज

गहलोत ने कहा कि कुछ लोग राहुल गांधी के नाम का इस्तेमाल करके यह अफवाह फैलाते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए भेजा गया है। उन्होंने विशेष रूप से 'ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री' के फॉर्मूले का जिक्र किया, जो पहले छत्तीसगढ़ में चर्चा में रहा था और अब कर्नाटक में भी ऐसी बातें चल रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी निराधार बातें पार्टी को कमजोर करती हैं और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। गहलोत ने कहा कि इस तरह की चर्चाएं केवल अटकलें हैं और इनका कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ऐसा कोई समझौता हुआ भी है, तो इसकी पुष्टि संबंधित नेताओं द्वारा क्यों नहीं की जाती। उन्होंने इन सभी बातों को 'हवा-हवाई' करार दिया, जिनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है और जो केवल भ्रम फैलाने का काम करती हैं।

कर्नाटक कांग्रेस की एकजुटता का दावा

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के भीतर किसी भी तरह के मतभेद को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा कि वहां कोई झगड़ा नहीं है। उन्होंने इसे 'शुभ संकेत' बताया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री नाश्ते की मेज पर एक साथ हैं। गहलोत ने एक दिलचस्प उपमा का प्रयोग करते हुए कहा कि "प्यार मोहब्बत की खबर नहीं बनती, तलाक की खबर बनती है। " उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्नाटक में कोई 'तलाक' नहीं हो रहा है, बल्कि 'प्यार मोहब्बत' है, जिसका अर्थ है कि कांग्रेस एकजुट है। उन्होंने राहुल गांधी और खड़गे साहब के नेतृत्व में पार्टी की एकजुटता पर बल दिया और कहा कि 'ढाई-ढाई साल' के फॉर्मूले जैसी बातें केवल हवा-हवाई हैं, जिनकी सच्चाई किसी को नहीं पता। उन्होंने उन लोगों को चुनौती दी जो ऐसे दावे कर रहे हैं कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से सीधे। पूछें और उनके मुंह से कहलवाएं कि ऐसा कोई फैसला हुआ है, तभी इन बातों पर विश्वास किया जा सकता है।

राजस्थान सरकार पर तीखा हमला

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमला बोलने के बाद, राजस्थान की वर्तमान भाजपा सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और उन्होंने राज्य सरकार को 'नाकारा और निकम्मी' करार दिया। गहलोत ने आरोप लगाया कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। उन्होंने राज्य में लगातार हो रहे सड़क हादसों और आत्महत्याओं का जिक्र करते। हुए कहा कि सरकार इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान देने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि जनता इन समस्याओं से जूझ रही है, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे राज्य में अराजकता का माहौल बन गया है और गहलोत ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह से अक्षम साबित हुई है, जिससे आम जनता का जीवन मुश्किल हो गया है।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल

गहलोत ने देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक और गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने चुनाव आयोग के रवैये को 'पक्षपाती' बताया और कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है। उन्होंने चिंता जताई कि चुनाव आयोग का व्यवहार उचित नहीं है। और अगर वह सरकार के साथ चलेगा तो लोकतंत्र कैसे बचेगा। गहलोत ने कहा कि देश में हालात बड़े गंभीर हैं और लोकतंत्र के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने यहां तक आशंका व्यक्त की कि आने वाले समय में चुनाव होंगे या नहीं, और अगर होंगे तो किस रूप में होंगे, कहीं रूस की तरह तो नहीं, जहां सत्ताधारी पार्टी को 98% वोट मिलते हैं। उन्होंने डॉ. अंबेडकर के संविधान की वजह से देश में लोकतंत्र के बचे होने की बात कही और वर्तमान माहौल को 'बहुत खतरनाक' बताया।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठना लोकतंत्र के लिए शुभ। संकेत नहीं है और यह देश के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। अशोक गहलोत के इन बयानों से स्पष्ट होता है कि वे पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता और अफवाह फैलाने वालों के प्रति गंभीर हैं। साथ ही, उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस की एकजुटता पर जोर देकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया। राजस्थान की वर्तमान सरकार पर उनके हमले और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों ने देश की राजनीतिक और लोकतांत्रिक स्थिति को लेकर उनकी गहरी चिंता को उजागर किया और उनके बयान ऐसे समय में आए हैं जब देश में राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है और विभिन्न राज्यों में आगामी चुनावों की तैयारियां चल रही हैं।