इथियोपिया में स्थित हेली गुब्बी ज्वालामुखी के अचानक फटने से उत्पन्न हुए राख के विशाल बादल अब पश्चिमी भारत की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र में संभावित व्यवधानों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। यह घटना रविवार को हुई, जब लगभग 10,000 वर्षों से शांत पड़ा यह ज्वालामुखी अचानक सक्रिय हो उठा। हालांकि विस्फोट अब रुक गया है, लेकिन राख का एक बड़ा बादल अभी भी उत्तरी। भारत की ओर बढ़ रहा है, जिससे हवाई यात्रा पर असर पड़ने की आशंका है।
इंडिगो का विस्तृत बयान
इस अप्रत्याशित प्राकृतिक घटना के मद्देनजर, भारत की प्रमुख एयरलाइंस, जिनमें इंडिगो, एयर इंडिया और अकासा एयर शामिल हैं, ने अत्यधिक सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। इन सभी एयरलाइंस ने यात्रियों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए बयान जारी किए हैं। वे अंतरराष्ट्रीय उड्डयन संस्थाओं और संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं ताकि हवाई यात्रा सुरक्षित और विश्वसनीय बनी रहे। राख के बादल विमानों के इंजनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दृश्यता को कम कर सकते हैं, जिससे उड़ान संचालन में गंभीर चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।
इंडिगो एयरलाइन ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक विस्तृत बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने यात्रियों को आश्वस्त किया है। बयान में कहा गया है कि इथियोपिया में हेली गुब्बी ज्वालामुखी के फटने से निकली राख के बादल पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहे हैं। इंडिगो ने स्वीकार किया कि ऐसी खबरें यात्रियों में चिंता पैदा कर सकती हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और एयरलाइन की टीमें अंतरराष्ट्रीय उड्डयन संस्थाओं के साथ मिलकर इस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही हैं। इंडिगो ने यह भी बताया कि वे सभी आवश्यक सावधानियों। से लैस हैं ताकि उड़ानें सुरक्षित और विश्वसनीय बनी रहें। एयरलाइन ने यात्रियों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए दिन-रात स्थिति पर नजर रखने और अपडेट प्रदान करने का वादा किया है। उनकी ग्राउंड टीमें और ग्राहक सेवा प्रतिनिधि यात्रियों की सहायता के लिए हर जगह उपलब्ध हैं।
एयर इंडिया की निगरानी और सुरक्षा उपाय
राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया ने भी यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए एक बयान जारी किया है। एयर इंडिया ने कहा है कि वे इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने से कुछ इलाकों में दिखाई दे रहे राख के बादलों की स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और एयरलाइन अपने चालक दल के साथ लगातार संपर्क में है ताकि उड़ान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। फिलहाल, एयर इंडिया की उड़ानों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है, लेकिन एयरलाइन ने स्पष्ट किया है कि वे यात्रियों, चालक दल और विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। यह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। एयर इंडिया की ग्राउंड टीमें भी पूरे नेटवर्क में यात्रियों की मदद करने और उनकी उड़ानों के बारे में नवीनतम अपडेट प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
मुंबई एयरपोर्ट की यात्रियों को सलाह
इस बीच, मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA)। ने भी यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। एयरपोर्ट ने बताया है कि इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने से पश्चिमी एशिया के हवाई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिससे कुछ अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर असर पड़ सकता है और एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे एयरपोर्ट आने से पहले अपनी संबंधित एयरलाइन से अपनी उड़ान की स्थिति की जांच अवश्य कर लें। यह सलाह यात्रियों को अनावश्यक परेशानी से बचाने और उन्हें अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद करने के उद्देश्य से जारी की गई है।
अकासा एयर की स्थिति का आकलन
नई एयरलाइन अकासा एयर ने भी इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अकासा एयर ने कहा है कि वे इथियोपिया में ज्वालामुखी की गतिविधि पर लगातार नजर रख रहे हैं और इससे उड़ानों पर पड़ने वाले संभावित असर का आकलन कर रहे हैं। एयरलाइन ने X पर अपने बयान में कहा कि उनकी टीमें अंतरराष्ट्रीय उड्डयन सलाह और सुरक्षा नियमों के अनुसार स्थिति का मूल्यांकन करेंगी और आवश्यक कदम उठाएंगी और अकासा एयर ने भी यात्रियों की सुरक्षा और भलाई को अपनी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता बताया है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनके यात्रियों की यात्रा सुरक्षित और सुचारू रहे, भले ही इसके लिए उड़ान कार्यक्रम में बदलाव करने पड़ें।
ज्वालामुखी का इतिहास और वर्तमान स्थिति
रिपोर्ट्स के अनुसार, हेली गुब्बी ज्वालामुखी लगभग 10,000 वर्षों से निष्क्रिय था, और रविवार को इसमें अचानक विस्फोट हो गया। इस अप्रत्याशित विस्फोट ने वैज्ञानिकों और उड्डयन विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। हालांकि विस्फोट अब रुक गया है, लेकिन इससे निकला राख का एक बड़ा बादल अभी भी वायुमंडल में मौजूद है और उत्तरी भारत की ओर बढ़ रहा है। अधिकारियों और एयरलाइंस इस राख के बादल की गति और घनत्व पर करीब से नजर रख रही हैं ताकि हवाई यात्रा के लिए किसी भी संभावित खतरे का सटीक आकलन किया जा सके और यह स्थिति वैश्विक उड्डयन समुदाय के लिए एक चुनौती बनी हुई है, क्योंकि ज्वालामुखी राख के कण विमान के इंजनों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं और उड़ान सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। सभी संबंधित पक्ष यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे। हैं कि हवाई यात्रा सुरक्षित रहे और यात्रियों को न्यूनतम असुविधा हो।