
विक्रांत सिंह शेखावत
- भारत,
- 17-Feb-2025,
- (अपडेटेड 16-Feb-2025 10:47 PM IST)
Japan India Trade: कोविड-19 महामारी के बाद जापानी कंपनियां भारत को अपने एक प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में देख रही हैं। इसका मुख्य कारण चीन पर निर्भरता कम करने और अपनी मैन्यूफैक्चरिंग व सप्लाई चेन में विविधता लाने की रणनीति है, जिसे 'चीन प्लस वन' पॉलिसी कहा जाता है। वित्तीय परामर्श कंपनी डेलॉयट के विशेषज्ञों के अनुसार, इस नीति के तहत जापानी कंपनियां वैकल्पिक देशों में उत्पादन सुविधाएं स्थापित कर रही हैं, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण लाभार्थी के रूप में उभर रहा है।
डेलॉयट जापान के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) केनिची किमुरा ने कहा कि कोविड-19 के बाद जापानी कंपनियां सक्रिय रूप से 'चीन-प्लस' सप्लाई चेन रणनीतियों की खोज कर रही हैं, जिसमें भारत एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है। भारत में निवेश करने से कंपनियों को कई फायदे मिल सकते हैं, जैसे कि व्यापक घरेलू बाजार, प्रतिस्पर्धी श्रम लागत और पश्चिम एशिया व अफ्रीका जैसे हाई ग्रोथ वाले बाजारों तक पहुंच।भारत के प्रमुख लाभ:- विशाल घरेलू बाजार: भारत की विशाल जनसंख्या और बढ़ती क्रय शक्ति कंपनियों को स्थिर मांग का आश्वासन देती है।
- प्रतिस्पर्धी श्रम लागत: तुलनात्मक रूप से कम श्रम लागत कंपनियों के लिए उत्पादन लागत को नियंत्रित रखने में सहायक होती है।
- रणनीतिक भौगोलिक स्थिति: भारत का स्थान इसे पश्चिम एशिया, अफ्रीका और अन्य उभरते बाजारों के लिए एक व्यापारिक केंद्र बनाता है।
- मजबूत व्यापार और प्रतिभा नेटवर्क: भारत में पहले से ही स्थापित व्यापारिक पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिभा नेटवर्क कंपनियों को आसानी से परिचालन विस्तार करने में मदद करता है।