COVID-19 Update / कितनी खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर? इन 3 महत्वपूर्ण स्टडी में हुआ खुलासा

Zoom News : Jun 19, 2021, 10:50 AM
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर (Covid Second Wave) के कमजोर पड़ने और अनलॉकिंग की प्रक्रिया के बीच अब तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बीते कुछ दिनों के दौरान इसे लेकर कई स्टडी सामने आई हैं। हालांकि सामान्य राय यही है कि जितनी बड़ी संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन पूरा होगा उतना ही तीसरी लहर का असर कम होगा।

वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से दावा किया जा चुका है कि दिसंबर तक देश में सभी का टीकाकरण पूरा कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर इस बात को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं। जावडेकर ने स्वास्थ्य विभाग का हवाला देते हुए कहा था कि दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज मौजूद होंगे। यानी 108 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का पूरा खाका पेश किया गया था। विभाग ने वैक्सीन के नाम भी बताए थे। कोविशील्ड, कोवैक्सीन, नोवावैक्सीन, जेनोवा और स्पूतनिक-V का जिक्र किया गया था।

रॉयटर्स की स्टडी

अब कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर कई स्टडी भी सामने आ चुकी हैं। एक स्टडी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने की है। इस ओपिनियन पोल के मुताबिक करीब 85 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में तीसरी लहर अक्टूबर महीने तक आ सकती है। कुछ ने सितंबर और अगस्त महीने में भी तीसरी लहर का प्रभाव शुरू होने की बात कही है। हालांकि करीब 70 फीसदी एक्सपर्ट्स का मानना है कि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर का सामना भारत प्रभावी रूप से कर पाएगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और एम्स की स्टडी

इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन और एम्स की स्टडी में सामने आया है कि तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर बहुत ज्यादा नहीं पड़ेगा। इससे पहले तक लगातार आशंकाएं जाहिर की जाती रही हैं कि तीसरी लहर का बच्चों पर खतरनाक असर पड़ सकता है।

महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स की स्टडी

इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार की कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना लहर के वक्त को लेकर कुछ अलग भविष्यवाणी की है। डेल्ट प्लस वैरिएंट का जिक्र कर कहा गया है कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का पीक काफी ज्यादा घातक हो सकता है। एक्टिव केस की संख्या 8 लाख के पार जा सकती है। इसमें तीसरी लहर के जल्द आने की बात भी कही गई है।

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