Priyanka Chopra / 'ये हीरोइन कैसे बन गई?' प्रियंका को देखते ही बन गया था इस एक्ट्रेस का मुंह, फिर हुआ पछतावा

बॉलीवुड से हॉलीवुड तक पहचान बना चुकीं प्रियंका चोपड़ा को एक समय उनके रंग और शरीर को लेकर जज किया गया था। अभिनेत्री स्मिता जयकर ने खुलासा किया कि फिल्म किस्मत के दौरान उन्होंने प्रियंका को देखकर कहा था, “कैसे लोग हीरोइन बन जाते हैं।” बाद में उन्होंने अपनी सोच पर पछतावा जताया।

Priyanka Chopra: प्रियंका चोपड़ा आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। बॉलीवुड से हॉलीवुड तक अपनी पहचान बनाने वाली इस अभिनेत्री ने अपने दम पर वह मुकाम हासिल किया है, जो लाखों लोग सपने में देखते हैं। लेकिन उनका यह सफर आसान नहीं था। प्रियंका ने अपने करियर के शुरुआती दौर में न केवल इंडस्ट्री की कठिनाइयों का सामना किया, बल्कि अपने सांवले रंग और दुबले-पतले शरीर को लेकर आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ा। इन सभी रुकावटों को पार करते हुए उन्होंने न केवल खुद को साबित किया, बल्कि एक ग्लोबल आइकन के रूप में अपनी पहचान बनाई। हाल ही में, दिग्गज अभिनेत्री स्मिता जयकर ने प्रियंका के शुरुआती दिनों को याद करते हुए एक दिलचस्प खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने प्रियंका को उनके रंग-रूप के आधार पर जज किया था और बाद में अपने इस जजमेंट पर पछतावा भी हुआ।

प्रियंका को किया जज

फिल्मीमंत्रा मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में, स्मिता जयकर ने प्रियंका चोपड़ा के साथ अपनी पहली मुलाकात और फिल्म 'किस्मत' के सेट पर अपने अनुभव साझा किए। स्मिता ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि प्रियंका उनकी बेटी का किरदार निभाने वाली हैं, तो वह पहली नजर में उन्हें देखकर प्रभावित नहीं हुई थीं। स्मिता के शब्दों में, "जब मैंने पहली बार प्रियंका को देखा, तो मेरे मन में ख्याल आया कि 'कैसे कैसे लोग हीरोइन बनने आ जाते हैं।'" स्मिता ने स्वीकार किया कि उस समय प्रियंका की सांवली रंगत और दुबला-पतला शरीर देखकर उन्हें लगा कि वह एक हीरोइन के रोल के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

पहली मुलाकात का अनुभव

स्मिता जयकर ने अपनी बात को और विस्तार देते हुए कहा, "प्रियंका के साथ मैंने उनके शुरुआती दिनों में काम किया था। फिल्म 'किस्मत' में वह मेरे और मोहन जोशी की बेटी का किरदार निभा रही थीं। जब मैंने उन्हें पहली बार देखा, तो वह बहुत ही दुबली-पतली और सांवली थीं। मैंने सोचा, 'हे भगवान, ये कैसे लोग हीरोइन बन जाते हैं।' उस समय वह बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती थीं।" स्मिता का यह बयान उस समय के फिल्म इंडस्ट्री के सौंदर्य मानकों को दर्शाता है, जहां रंग और शारीरिक बनावट को लेकर कठोर जजमेंट आम बात थी।

जजमेंट पर पछतावा

हालांकि, स्मिता जयकर ने यह भी माना कि प्रियंका को जज करना उनकी भूल थी। उन्होंने कहा, "जब मैंने बाद में प्रियंका को देखा, तो मुझे अपने जजमेंट पर पछतावा हुआ। प्रियंका चोपड़ा शानदार थीं। मैं बस यही सोच रही थी कि इस लड़की ने क्या कर दिया? वह पूरी तरह से डीवा बन गईं।" स्मिता ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को उनके बाहरी रूप के आधार पर आंकना गलत है, क्योंकि किस्मत और मेहनत किसी को भी सितारा बना सकती है। उन्होंने प्रियंका की तारीफ करते हुए कहा, "क्या एक्ट्रेस हैं वो, शानदार।"

प्रियंका का प्रेरणादायक सफर

प्रियंका चोपड़ा की कहानी उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को हासिल करने के लिए रुकावटों से जूझ रहे हैं। मिस वर्ल्ड 2000 का खिताब जीतने से लेकर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने और फिर हॉलीवुड में 'क्वांटिको' और 'बेवॉच' जैसी परियोजनाओं में काम करने तक, प्रियंका ने हर कदम पर यह साबित किया कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आज वह न केवल एक अभिनेत्री हैं, बल्कि एक निर्माता, गायिका और ग्लोबल आइकन हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और टैलेंट से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है।