देश / राहुल गांधी की जासूसी करने से आतंकवाद से लड़ाई में कैसे मदद मिली?: पेगासस पर कांग्रेस

Zoom News : Jul 20, 2021, 09:11 AM
नई दिल्ली: इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों आदि की जासूसी की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद कांग्रेस मोदी सरकार और बीजेपी पर हमलावर है। कांग्रेस ने बीजेपी को 'भारतीय जासूस पार्टी' करार दिया है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने इस मामले में पीएम मोदी के खिलाफ जांच और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। उधर, बीजेपी ने मॉनसून सत्र से ठीक पहले रिपोर्ट आने के पीछे साजिश की शंका जाहिर की।

कांग्रेस का आरोप

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से कहा, 'इस मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाएगी।'

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी और अपने मंत्रियों की जासूसी की गई है। हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और कई मीडिया समूहों की भी जासूसी कराई गई। क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा? भाजपा अब 'भारतीय जासूस पार्टी' बन गई है।'

राहुल की जासूसी करा कौन से आतंकवाद से लड़ रहे?

सुरजेवाला ने सवाल किया, 'मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे। अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?' कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई।

सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो बयान दिया वह झूठ था। उन्होंने कहा, 'मंत्री जी, आप राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ़ लेते तो इतना झूठ नहीं बोलते। उस वक्त के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया।'

अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को दिया जवाब, कहा- मॉनसून सत्र से एक दिन पहले जासूसी की रिपोर्ट आना संयोग नहीं

कांग्रेस का सवाल, यह देशद्रोह नहीं तो क्या है

उन्होंने सवाल किया, 'क्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, न्यायपालिका, चुनाव आयुक्त और विपक्ष की जासूसी करना क्या देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हो तो क्या है? क्या लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जासूसी करवा रहे थे? यह इजरायली स्पाइवेयर पेगासस कब खरीदा गया और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ? सुरजेवाला ने पूछा, 'क्या अमित शाह को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार हैं? उन्हें पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए? प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?'

बीजेपी बोली- जानबूझकर उठाया गया मामला

उधर, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला संसद के मॉनसून सत्र से पहले ही यह मामला जानबूझकर उठाया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'क्या कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से लगे हुए थे कि यह मामला मॉनसून सत्र से पहले ही शुरू करना है, ताकि देश में एक नया माहौल बनाया जाए।'

प्रसाद ने आगे कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए कांग्रेस ने कोई सबूत नहीं पेश किया है। उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर ऐसे स्तरहीन आरोप लगाए हैं जो राजनीतिक शिष्टाचार से परे हैं। भाजपा कांग्रेस द्वारा लगाए गए पेगासस मामले के सारे आरोपों को खारिज करती है। कांग्रेस ने अब तक पेगासस मामले में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं।'

गौरतलब है कि सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER